अयोध्या। राममंदिर निर्माण के साथ ही रामलला का चढ़ावा भी चार गुना बढ़ गया है। पहले रामलला के चढ़ावे की गिनती महीने में दो बार होती थी, वहीं अब रोजाना गिनती करनी पड़ती है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों के अनुसार, रामलला को तीन साल में अब तक करीब 5500 करोड़ का दान मिल चुका है। हर माह विभिन्न माध्यमों से भक्तों की ओर से करीब एक करोड़ का निधि समर्पण किया जा रहा है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि 15 जनवरी मकर संक्रांति 2020 से रविदास जयंती 27 फरवरी तक श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से पूरे देश में निधि समर्पण अभियान चलाया गया था। इस अभियान के जरिए देश के हर वर्ग से 10, 100, 1000 के कूपन के जरिए भक्तों ने मंदिर निर्माण के लिए अपना योगदान दिया था। निधि समर्पण अभियान की ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया था कि करीब 42 दिन के इस अभियान में देश भर से मंदिर निर्माण के लिए 3500 करोड़ एकत्र हुए थे।
उन्होंने बताया कि राममंदिर निर्माण से पहले रामलला को हर माह करीब 15 लाख का चढ़ावा आता था। मंदिर के हक में फैसला आने के बाद चढ़ावा दो गुना बढ़ गया। वहीं जब से मंदिर निर्माण शुरू हुआ तब से चढ़ावे में चार गुना की वृद्धि हो गई है। रामलला को इतना चढ़ावा आ रहा है कि मैनुअल गिनती संभव ही नहीं है, इसलिए दो मशीन की सहायता से गिनती की जाती है। फुटकर गिनने के लिए 10 कर्मचारी भी लगाए गए हैं।
बताया कि प्रतिमाह 50 से 60 लाख बतौर चढ़ावा गर्भगृह में रखे दानपात्र (हुंडी) में भक्तों द्वारा अर्पित किया जा रहा है। करीब इतना ही दान नकदी व ऑनलाइन, चेक के माध्यमों से आ रहा है। ऐसे में एक अनुमान के मुताबिक, करीब एक करोड़ का दान राममंदिर को हर माह आ रहा है।
लॉकडाउन में भी नहीं रुका दान का सिलसिला
प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि रामभक्तों की आस्था का आलम यह है कि कोरोना महामारी के चलते जब देश में लॉकडाउन घोषित था। तब भी राममंदिर निर्माण के लिए दान का सिलसिला नहीं रुका। अप्रैल व मई 2020 में 4.60 करोड़ रुपये का दान राममंदिर को मिला था। लॉकडाउन के बाद से लगातार दान का सिलसिला तेज ही होता आ रहा है।
मंदिर के लिए अब तक मिला बड़ा दान
11 करोड़- मोरारी बापू
08 करोड़- पटना महावीर मंदिर
01 करोड़- शिवसेना, उद्धव ठाकरे
01 करोड़- सियाराम, संघ कार्यकर्ता
01 करोड़- चैतन्य सेवा ट्रस्ट मुंबई