Foxconn: भारत में 1.5 लाख करोड़ की लागत से चिप बनाने के प्लान को झटका; कंपनी पीछे हटी, वेदांता से था करार

Foxconn backed out Rs 1.5 lakh crore chip manufacturing plan in India, had an agreement with Vedanta

नई दिल्ली। फॉक्सकॉन ने सोमवार को कहा कि उसने भारतीय समूह वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम से हटने का फैसला किया है। फॉक्सकॉन ने कहा कि वह वेदांता की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई से फॉक्सकॉन का नाम हटाने पर काम कर रही है।

फॉक्सकॉन ने कहा- वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम को आगे नहीं बढ़ाएंगे

होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) ने कहा, ‘फॉक्सकॉन का इस इकाई से कोई संबंध नहीं है और इसका मूल नाम रखने के प्रयासों से भविष्य के हितधारकों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा होगी। वैश्विक अनुबंध आधारित इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन और वेदांता ने पिछले साल गुजरात में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उत्पादन संयंत्र बनाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। फॉक्सकॉन ने सोमवार को एक बयान में कहा, “विकास के अधिक विविध अवसरों का पता लगाने के लिए आपसी समझौते के अनुसार फॉक्सकॉन ने फैसला किया है कि वह वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम को आगे नहीं बढ़ाएगा।

मेक इन इंडिया अभियान को समर्थन जारी रहेगा: फ़ॉक्सकॉन

बयान में कहा गया है कि एक साल से अधिक समय से होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने भारत में समीकंडक्टर निर्माण के विचार को वास्तविकता में लाने के लिए कड़ी मेहनत की है। यह एक उपयोगी अनुभव रहा है जो दोनों कंपनियों को आगे बढ़ने में मजबूती प्रदान करेगा। कंपनी की ओर से कहा गया, “फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं से आश्वस्त है। हम सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का मजबूती से समर्थन करना जारी रखेंगे और हितधारकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विविध स्थानीय साझेदारों के साथ काम करते रहेंगे।”

पिछले साल सितंबर में हुई थी डील

बता दें कि पिछले वर्ष 13 सितंबर को गुजरात के गांधीनगर में सरकार, भारतीय कंपनी वेदांता और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र की दिग्गज फॉक्सकॉन ग्रुप के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया था। उस दौरान दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव व गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल मौजूद थे। उस दौरान गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा था कि दोनों कंपनियां गुजरात में यूनिट लगाने के लिए 1,54,000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। इससे राज्य में एक लाख रोजगार का सृजन होगा।

केंद्रीय मंत्री बोले- सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में भारत के लक्ष्यों पर नहीं पड़ेगा असर

फॉक्सकॉन के वेदांता के साथ करार से हटने पर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया, “फॉक्सकॉन के वेदांता के साथ अपने संयुक्त उद्यम से हटने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तय लक्ष्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फॉक्सकॉन और वेदांता के बीच करार टूटने को गलत नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और पीएम मोदी के कार्यों पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। 
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वेदांता बोली- दूसरे भागीदार तैयार, पीएम मोदी के विजन को पूरा करेंगे

ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक अनुबंध विनिर्माता कंपनी फॉक्सकॉन के चिप निर्माण के लिए हुए संयुक्त उद्यम (Joint Venture) से हटने के बाद वेदांता ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। कंपनी ने सोमवार को कहा कि वह अपनी सेमीकंडक्टर परियोजना को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उसने भारत का पहला चिप निर्माण संयंत्र स्थापित करने के लिए अन्य भागीदारों को तैयार कर लिया है। वेदांता ने कहा कि उसने सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को पूरा करने के प्रयासों को दोगुना कर दिया है। कंपनी ने पुष्टि की है कि भारत वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखलाओं को फिर से स्थापित करने में महत्वपूर्ण बना हुआ है। वेदांता ने एक बयान में कहा, “कंपनी दोहराती है कि वह अपनी सेमीकंडक्टर फैब परियोजना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और हमने भारत की पहली फाउंड्री स्थापित करने के लिए अन्य भागीदारों को तैयार किया है। हम अपनी सेमीकंडक्टर टीम को बढ़ाना जारी रखेंगे और हमारे पास एक प्रमुख एकीकृत उपकरण निर्माता (आईडीएम) से 40 एनएम के लिए उत्पादन-ग्रेड तकनीक का लाइसेंस है।”

कंपनी बोली- सेमीकंडक्टर निर्माण के मामले में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण

कंपनी ने गुजरात में करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश से अपना चिप संयंत्र लगाने की योजना की घोषणा की थी। हालांकि, उसके संयुक्त उद्यम भागीदार फॉक्सकॉन ने परियोजना से हटने की घोषणा कर दी है। कंपनी ने अपने बयान में कहा, “हम जल्द ही उत्पादन-ग्रेड 28 एनएम के लिए भी लाइसेंस प्राप्त करेंगे। वेदांता ने सेमीकंडक्टर के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना कर दिया है।” वेदांता ने कहा, “वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृखलाओं को फिर से स्थापित करने में भारत की भूमिका महत्वपूर्ण है।”