रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी संयुक्त मोर्चा ने अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर एक दिन की हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इसके लिए मुख्य सचिव को भी हड़ताल का नोटिस दिया गया है। संगठन के नेताओं का दावा है कि 7 जुलाई को पूरे राज्य में सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप हो जाएगा।
इसके पीछे वजह है मंत्रालय, संचालनालय, न्यायालय, जिला कार्यालय और नगर निगम के लाखों कर्मचारियों का प्रदर्शन में शामिल होना। साथ ही इस हड़ताल में प्रदेश के स्कूली शिक्षा विभाग के 4 बड़े संगठन भी शामिल हो रहे हैं। जिससे बच्चों की स्कूलों में होने वाली पढ़ाई पर भी बड़ा असर पड़ेगा।
हड़ताल को इन बड़े संगठनों ने दिया समर्थन
7 जुलाई को होने वाली इस एक दिवसीय हड़ताल में शामिल होकर समर्थन देने के लिए प्रदेश के लगभग सभी बड़े संगठनों ने हामी भरी है। इन संगठनों में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी संयुक्त मोर्चा के अंतर्गत छत्तीसगढ़ प्रदेश राजपत्रित अधिकारी संघ, मंत्रालय कर्मचारी संघ, संचालनालय कर्मचारी संघ, कर्मचारी अधिकारी महासंघ, छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ और स्कूल शिक्षा विभाग के 4 बड़े संगठन हड़ताल में शामिल होंगे। दरअसल ये तमाम संगठन प्रदेश के लाखों कर्मचारियों का नेतृत्व करते हैं।
यदि आंकड़ों की बात की जाए, तो अकेले छत्तीसगढ़ तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के अंतर्गत 3 लाख 50 हजार कर्मचारी आते हैं, तो वहीं स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले बड़े संगठन में मनीष मिश्रा, संजय शर्मा, वीरेंद्र दुबे और केदार जैन संगठन प्रमुख हैं। जिसमें 2 लाख से ऊपर कर्मचारी हैं। इसके अलावा मंत्रालय कर्मचारी संघ में 2400, संचालनालय कर्मचारी संघ में 5500, जिला स्तर के कार्यालय में 15 हजार कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल होंगे। इस हड़ताल में अनिल शुक्ला के नेतृत्व वाला कर्मचारी अधिकारी महासंघ भी शामिल होगा। साथ ही न्यायिक कर्मचारी संघ का समर्थन मिलने पर न्यायालय के कामकाज भी प्रभावित होने के आसार हैं।
कर्मचारी-अधिकारी संगठन संयुक्त मोर्चा के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा का दावा है कि आंदोलन में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी मोर्चा में रजिस्टर्ड 145 संगठनों के करीब 6 लाख से ऊपर कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे और सभी शासकीय कार्यालय बंद रहेंगे।
CG के मुख्य सचिव को सौंपा गया है 5 सूत्रीय मांगपत्र
इस कर्मचारी अधिकारी संगठन संयुक्त मोर्चा ने राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को हड़ताल का नोटिस दिया है, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों की मांगों को भी बतलाया है। इसके अलावा कर्मचारियों ने अपने-अपने विभागों में एक दिवसीय सार्वजनिक अवकाश के लिए भी लेटर दिया है।
ये है 5 सूत्रीय मांग-
1. छठवें वेतनमान के आधार पर मिलने वाले गृह भत्ते को सातवें वेतनमान के आधार पर केंद्रीय दर पर दिया जाए।
2. राज्य के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के दिए गए तिथि के अनुसार महंगाई भत्ता दिया जाए।
3. छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर गठित पींगुआ समिति की रिपोर्ट और वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित अन्य समितियों की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।
4. कांग्रेस के जन घोषणा पत्र के अनुसार कर्मचारियों का वेतन वृद्धि 8,16,24 और 30 साल की सेवा में चार स्तरीय किया जाए। साथ ही अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
5. ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ दिलाने के लिए पहली नियुक्ति तिथि से कुल सेवा को जोड़ा जाए।