छत्तीसगढ़: SKS इस्पात की 517.81 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, तमिलनाडु की कंपनी के साथ मिलकर लोन हड़पने की रची साजिश

रायपुर। बैंक धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के एसकेएस इस्पात एंड पावर कंपनी की 571.81 करोड़ रुपये की सम्पत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर ली है, जो कि तमिलनाडु के 895 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले से संबंधित है। इस धोखाधड़ी में तमिलनाडु के त्रिचरापल्ली स्थित बायलर निर्माता कंपनी मे. सेथर लिमिटेड भी शामिल हैं। कंपनियों ने बैंक से कर्ज लेकर उसका भुगतान नहीं किया। ईडी के मुताबिक सेथर और एसकेएस ने मिलकर यह साजिश रची थी। सेथर लिमिटेड ने एसकेएस को गलत तरीके से 228 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया और लोन के दस्तावेजों में हेराफेरी की।

ईडी ने वर्ष 2012 के मामले में सेथर के निदेशक सुब्बुराज और एसकेएस इस्पात के सीएमडी अनिल गुप्ता के खिलाफ जांच की कार्रवाई आगे बढ़ाई है। ईडी इस मामले में 2019 से जांच कर रही है। ईडी ने एसकेएस कंपनी के भूमि, भवन, संयंत्र, मशीनरी, रेलवे साइडिंग, जिनकी वर्तमान कीमत 571 करोड़ रुपए हैं। इन्हें अस्थायी रूप से जब्त किया है। यह धन-शोधण निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत किया जा रहा है।

यह है मामला 

जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु की कंपनी सेथर लिमिटेड और एसकेएस पावर ने मदुरै स्थित इंडियन बैंक से 895 करोड़ रुपए का ऋण सोझी-समझी साजिश के तहत लिया था। 31 दिसंबर 2012 को ऋण के लिए बनाई गई यह कंपनी एनपीए हो गई। इसके बाद इस मामले में इन कंपनियों के खिलाफ चेन्न्ई में वर्ष 2017 में नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में जांच शुरू हुई। ईडी ने वर्ष 2019 में मामले को पीएमएलए के तहत जांच के दायरे में लिया। तब भी एसकेएस के परिसरों की तलाश ली गई थी और 9.08 करोड़ रुपये के आभूषणों को जब्त किया गया था।

ईडी की जाल में ऐसे फंसा एसकेएस 

जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु की कंपनी सेथर लिमिटेड का मुख्य कार्य बायलर निर्माण था। ऐसे में एसकेएस ने कंपनी से अपने संयंत्र के लिए बायलर मशीन की खरीदी की, लेकिन इसका बिल साजिश के तहत अधिक बनाया गया। अब इस अतिरिक्त बिल के एवज में सेथर कंपनी ने एसकेएस कंपनी के 228 करोड़ रुपये के शेयर खरीद लिए।

793 करोड़ रुपये की आय को छिपाने के लिए दूसरी साजिश 

ईडी ने अपनी जांच में कहा है कि वर्ष 2016-17 में सेथर लिमिटेड ने बैंक लोन के अलावा आपराधिक तरीके से अर्जित किए गए 793 करोड़ रुपये की धनराशि को एसकेएस इस्पात में सुरक्षित तौर पर भेजा। इस राशि का उपयोग एसकेएस इस्पात एंड पावर लिमिटेड ने अपने नियमित व्यवसायिक प्रक्रिया में किया। ईडी के मुताबिक सेथर लिमिटेड ने एसकेएस कंपनी में इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन का ठेका के नाम पर अपनी कंपनी के 3500 करोड़ रुपये को हेराफेरी की साजिश रची थी।

एसकेएस पर पहले भी दर्ज हो चुका है मामला

एसकेएस पर इससे पहले वर्ष 2014 में स्टील अथारिटी आफ इंडिया (सेल) के ब्रांड का दुरुपयोग करने के लिए कार्रवाई की जा चुकी है। कंपनी पर आरोप था कि एसकेएस ने सेल के ब्रांड का उपयोग कर बाजार में वाणिज्यिक गतिविधियों में इस्तेमाल किया था। सेल ने ब्रांड के दुरुपयोग पर 300 करोड़ रुपये नुकसान का दावा किया था।