नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से उत्तर भारत में बदले हुए मौसम को लेकर पहाड़ों पर चेतावनी जारी की गई है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक पहाड़ों पर क्लाउडबर्स्ट (बादल फटने) जैसी बड़ी घटनाएं होने का अनुमान लगाया है। इसी को देखते हुए मौसम विभाग ने पहाड़ों पर रह रहे लोगों को सचेत रहने के लिए कहा है। इसके अलावा जो लोग पहाड़ों पर जाने की योजना बना रहे हैं, उनको फिलहाल पहाड़ों पर न जाने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापत्रा ने बताया कि मैदानी इलाकों में शुक्रवार तक और पहाड़ी इलाकों में गुरुवार तक ऐसे ही बारिश के हालात बने रहेंगे। फिलहाल मौसम के हालातों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी अलर्ट पर है।
बादल फटने का अनुमान बना है पहाड़ों पर
मौसम विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए अनुमान के मुताबिक, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में अगले कुछ दिन जबरदस्त बारिश की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापात्रा कहते हैं कि पहाड़ों में जिस तरीके के हालात बने हैं, उसको लेकर पहले से ही आगाह किया जा चुका है। खासतौर से हिमालयन रीजन में मौसम की ऐसी मार अगले तीन दिनों तक बनी रहने की संभावना है।
मनाली में पानी के तेज बहाव से कटाव
उनका कहना है कि अगले तीन दिनों में कुछ जगहों पर बादल फटने जैसी बड़ी घटनाओं की संभावना बनी हुई है। महापात्रा कहते हैं कि इसको लेकर सभी पहाड़ी राज्यों को अलर्ट जारी कर दिया गया है। फिलहाल यह चेतावनी अगले तीन दिनों के लिए जारी हुई है। उसके बाद मानसून की सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग अगला अनुमान जारी करेगा। मौसम विभाग के महानिदेशक का कहना है कि जिस तरीके से मानसून के हिट करते ही अचानक सक्रियता से पहाड़ों पर तबाही मच रही है वह पहले से अनुमानित था। अनुमान यही लगाया जा रहा है कि जुलाई में भी इस तरीके की घटनाएं हो सकती है। फिलहाल मौसम विभाग और संबंधित राज्य लगातार संपर्क में बने हुए।
मैदानों में भी होगी लगातार बारिश
मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक सिर्फ पहाड़ों पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर के कुछ उत्तर पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान बना हुआ है। मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापात्र कहते हैं कि पहाड़ों पर तीन दिन जबकि मैदानों में अगले पांच दिनों तक यानि शुक्रवार तक ऐसे ही मौसम के बने रहने का अनुमान है।
कुल्लू में नदी का जलस्तर बढ़ा
वह कहते हैं कि फिलहाल लगातार हो रही बारिश से भारी नुकसान की सूचना आ रही हैं। इसीलिए संबंधित राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग के पास अलग-अलग राज्यों से आने वाली बारिशों की जानकारी में हिमाचल प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और मुंबई से लेकर शाम तक भारी तबाही और बड़ी क्षति की सूचनाएं भी मिली हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी और कुल्लू में भारी बारिश के साथ-साथ लैंडस्लाइड और कुछ इलाकों बादल फटने की भी जानकारियां सामने आई हैं। हालातों के चलते चंडीगढ़ मनाली हाईवे पूरी तरीके से बंद हो गया है कालका शिमला रेल मार्ग को भी मौसम की बदहाली के चलते बंद किया गया है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, पहाड़ों के तलहटी में बसे हुए शहरों में भी बाढ़ और बारिश से होने वाले नुकसान का बड़ा खतरा बरकरार है।
लगातार आगे बढ़ रहा है मानसून
मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और गुजरात के कच्छ इलाके पर चक्रवाती परिसंचरण की वजह से महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी बारिश के लगातार बने रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक धनंजय महापात्रा कहते हैं कि महाराष्ट्र में जहां समय से थोड़ा सा देरी से मानसून आया है वहीं दिल्ली में बिल्कुल तय वक्त पर मानसून ने दस्तक दी है। वह कहते हैं कि वक्त पर मानसून की दस्तक से उत्तर भारत के राज्य जिसमें पंजाब हरियाणा हिमाचल जम्मू-कश्मीर दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में लगातार बारिश के न सिर्फ आसार बने हैं, बल्कि बारिश हो रही है। मौसम विभाग का कहना है कि मानसून लगातार सक्रिय भी बना है और आगे भी बढ़ रहा है।
मनाली में वाहन तेज बहाव में फंसे – फोटो : PTI
मौसम को लेकर गृह मंत्रालय की बनी हुई है नजर
उत्तर भारत से लेकर नार्थ ईस्ट और महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय की भी नजर बनी हुई है। असम में आई बाढ़ को लेकर मुख्यमंत्री हिमंत बी सरमा ने गृह मंत्री अमित शाह से बातचीत कर राज्य के हालातों के बारे में चर्चा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक गृहमंत्री ने राज्य के हालातों पर नजर रखने और जरूरत के मुताबिक सभी उपायों को करने के निर्देश दिए हैं। इसी तरह केंद्रीय गृह मंत्रालय ने महाराष्ट्र में लगातार हो रही बारिश और उससे बचाव को लेकर निगरानी करने तुरंत मदद पहुंचाने के लिए राज्य से संपर्क करने के लिए टीम का गठन किया है। असम और महाराष्ट्र की तर्ज पर ही उत्तराखंड उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की टीम लगातार अपडेट ले रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जिन राज्यों में एनडीआरएफ या अन्य एजेंसियों की मदद की जरूरत पड़ रही है वहां पर इनको तैनात किया जा रहा है।