
कांकेर। मोबाइल के लिए 21 लाख लीटर पानी बर्बादी के मामले में जल संसाधन विभाग के एसडीओ आरएल धीवर को भी निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने ही फूड इंस्पेक्टर का मोबाइल निकालने के लिए जलाशय खाली कराने का मौखिक आदेश दिया था। प्रशासन की ओर से दिए गए शो कॉज नोटिस के जवाब में एसडीओ ने पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया था। कहा था कि, न उन्होंने पानी निकालने की अनुमति दी और न ही उन्हें जलाशय खाली करने की जानकारी थी। संतोषप्रद जवाब नहीं होने के कारण कलेक्टर ने कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था।
चार दिन में भी समय रहते नहीं की कार्रवाई
निलंबन आदेश में कहा गया है कि, जल संसाधन संभाग, कांकेर अन्तर्गत परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर से स्केल वाय के बीच 4104 क्यूबिक मीटर पानी दिनांक 21.05.2023 से लगातार चार दिनों तक डीजल पंप से अनाधिकृत रूप से बहा दिया गया। इस संबंध में जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी आरएल धीवर ने समय रहते किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की। उनके जलाशयों के नियमित पर्यवेक्षण का अभाव और पद दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही दर्शता है। इस पर उन्हें निलंबित कर मुख्यालय अधीक्षण अभियंता, इन्द्रावती परियोजना मण्डल जगदलपुर में संबद्ध करता है।
सेल्फी लेने के दौरान जलाशय में गिरा था मोबाइल
दरअसल, कोयलीबेड़ा ब्लॉक के खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास अपने दोस्तों के साथ पंखाजूर के परलकोट जलाशय के पास पार्टी मनाने के लिए गए थे। सेल्फी लेने के दौरान उनका महंगा फोन पानी में गिर गया था। फूड इंस्पेक्टर का कहना था कि जलाशय खाली कराने की उन्होंने एसडीओ से फोन पर अनुमति ली। पहले गोताखोरों की मदद ली गई। जब बात नहीं बनी तो 30 एचपी का पंप लगाकर जलाशय से चार दिन में 21 लाख लीटर पानी बहा दिया। आखिरकार इसके बाद गुरुवार को उनका मोबइल मिल सका। इसके बाद फूड इंस्पेक्टर को भी निलंबित कर दिया गया था।