बालोद/दल्लीराजहरा। दल्ली माइंस से आयरन ओर (कच्चा लोहा) लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए निकली मालगाड़ी का एक डिब्बा पटरी से उतर गया। जो 3 से 4 किमी दूर तक बेपटरी होकर चलता रहा। इसकी जानकारी इंजन के चालक को भी नहीं लगी। रेल पात का काफी हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी मरम्मत युद्धस्तर पर चालू है। इसके कारण दल्ली माइंस कोनडे हाउस से भिलाई इस्पात संयंत्र को जाने वाला आयरन ओर का एक से दो रेक अन्य दिनों की अपेक्षा कम गया। जिससे रेलवे का लाखों का नुकसान हुआ।
बताया जा रहा है कि मालगाड़ी के बीच से आयरन ओर से भरा एक डिब्बा पटरी से उतर कर काफी दूर तक जमीन पर चलता रहा। जो कोंडे पावर हाउस पुल के आगे पटरी पर लगे कंक्रीट सीमेंट चैंबर को तोड़ते हुए आगे रुक गया। कंक्रीट सीमेंट चैंबर के टूटने से पटरी पर लगा लोहा, जो पटरी को पकड़ कर रखता है छितर-बितर हो गया।
बता दें कि मालगाड़ी का एक डिब्बा पटरी से उतरने पर माल से भरा हुआ डिब्बा आधा झुक गया है। घटना बीती रात को 2 से 3 बजे की बताई जा रही है। जहां पर मालगाड़ी पटरी से उतरी वह जगह लोगों के आने-जाने का मार्ग है। रात में घटना होने के कारण सिर्फ मालगाड़ी और रेलवे की संपत्ति की क्षति हुई है। अगर दिन में दुर्घटना होती तो पटरी से लगे मार्ग पर लोगों की आवाजाही रहती है। जिससे ट्रेन दुर्घटना होने से आम जनता की जान जोखिम में पड़ सकती थी।
इस तरह से लापरवाहीपूर्वक कार्य करने से आगे मालगाड़ी दुर्घटना से किसी भी आम जनता की जान जा सकती है। फ़िलहाल घटना की जानकारी रेलवे के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है। इस संबंध में दल्लीराजहरा के मुख्य स्टेशन मास्टर पीके वर्मा ने कहा कि जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि इसके लिए दोषी कौन है। प्रतिदिन दल्लीराजहरा के विभिन्न माइंस से प्रतिदिन 6 से 7 रेक भिलाई इस्पात संयंत्र को जाती है लेकिन इस घटना से पटरी के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण आज की तिथि में 2 रेक कम गई है ।