छत्तीसगढ़: फिल्म दृश्यम जैसा हत्याकांड, कैब ड्राइवर को मारकर आंगन में गाड़ रखी थी लाश, 11 दिनों से ढूंढ रहा था परिवार

कैब ड्राइवर सुनील की हत्या कर दी गई। - Dainik Bhaskar

रायपुर। फिल्म दृश्यम जैसा हत्याकांड रायपुर में हुआ। हत्यारों ने लाश को घर के आंगन के पास दफन कर रखा था। जिसे मारा उसका मोबाइल ले जाकर दूसरी लोकेशन पर फेंका और आराम से रहने लगे। यह घटना बीते 14-15 अप्रैल की है। अब इस मामले में दो हत्यारों को पुलिस ने पकड़ा है। जिसकी हत्या की गई वह पेशे से कैब ड्राइवर था। फिल्म में भी इसी तरह एक युवक को मारकर उसे दफनाकर पुलिस को गुमराह किए जाने की कहानी दिखाई गई है।

यह हत्याकांड अभनपुर में हुआ। यहां ग्राम खोला से एक शव बरामद किया गया है। हत्या 11 दिन पहले की गई थी। हत्यारों ने गाड़ी को लूटने और बेचने के मकसद से इस हत्याकांड को अंजाम दिया था। मृतक कैब ड्राइवर के पिछले कुछ दिनों से लापता होने के बाद घर वालों ने पुलिस से शिकायत की थी। छानबीन में पुलिस को अभनपुर से युवकों के बारे में पता चला और हत्याकांड के इस राज से पर्दा अब उठा।

इन दोनों ने की कैब ड्राइवर की हत्या।

हत्या के आरोपी युवक

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुनील वर्मा (47) पुरानी बस्ती थाना इलाके में रहता था। पेशे से टैक्सी चलाने का काम करता था। इसकी कार को अक्सर अभनपुर के रहने वाले राकेश कुर्रे (31) तपन बांधे (28) बुक किया करते थे। 14 अप्रैल को भी ऐसा ही हुआ। बुकिंग के आधार पर सुनी गाड़ी लेकर वह दोनों के पास गया।
दोनों आरोपियों को पैसों की जरुरत थी। इसलिए प्लान बनाया कि सुनील को बुकिंग के नाम पर बुलाएंगे और सुनसान जगह पर उसकी हत्या के बाद कार लूट लेंगे। दोनों ने यही किया। बदमाशों ने सुनील को कार किराये पर ले जाने के लिए बुलाया। 14 अप्रैल की रात सुनील वर्मा को कार लेकर बदमाशों के पास पहुंचा था। आरोपियों ने सुनील को ग्राम खोला में रात के 12 बजे नहर के पास ले गए, इधर-उधर की बातें करने लगे और रस्सी से गला घोंटकर सुनील की हत्या कर दी।


उधर सुनील की हत्या हो गई और कैब ड्राइवर का परिवार सुकून से था। लगा कि सुनील वापस आएगा। मगर 15 अप्रैल बीतने को आई सुनील का न फोन कनेक्ट हो रहा था, न वह वापस आया। परेशान परिजनों ने इसके बाद पुलिस को जानकारी दी। पुलिस टीम को पता चला कि सुनील राकेश और तपन के साथ था। पुलिस ने राकेश से इस मामले में पूछताछ की। उसने कह दिया कि वह इस मामले में कुछ नहीं जानता। मगर दो बार और पूछताछ किए जाने पर उसने बयान बदला, जिससे पुलिस को शक हुआ। फिर झूठ न चला और राकेश ने इस कांड के बारे में बता दिया।

खोदकर निकाली गई लाश
बदमाशों ने हत्या के बाद सुनील की कार का नंबर बदल दिया था। गाड़ी को गांव के पास ही छुपा दिया था। गाड़ी को बेचकर पैसों का बंटवारा करने की योजना थी। सुनील का मोबाइल फोन भी गांव से दूर ले जाकर फेंक दिया। मगर जांच में पुलिस को मिली लोकेशन के आधार पर राकेश और तपन पर शक गहराता गया। इस वजह से ये पकड़े गए। सुनील की रात में हत्या के बाद राकेश ने अपने ही घर के आंगन के पास शव को गाड़ दिया था। बुधवार को जब पुलिस को जानकारी मिली तो जेसीबी से खुदवाकर लाश को निकाला गया। पुलिस ने दोनो आरोपियों को गिरफ्तार कर धारा 302, 201, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है।