आईपीएलः एक बार चमकने के बाद फ्लॉप हुए ये खिलाड़ी; लिस्ट में गोनी और सौरभ तिवारी भी

मनप्रीत गोनी और सौरभ तिवारी

नई दिल्ली। आईपीएल का 16वां सीजन 31 मार्च से शुरू होने वाला है। सीजन के पहले मैच में चार बार की चैंपियन टीम चेन्नई सुपरकिंग्स का सामना गत विजेता गत गुजरात टाइटंस से होगा। 2008 में शुरू हुए इस टूर्नामेंट के जरिए कई युवा खिलाड़ियों अपने करियर को निखारा है। उन्होंने टीमों को ट्रॉफी जीतने मदद की है। कुछ क्रिकेटरों ने एक सीजन के प्रदर्शन को आगे भी जारी रखा है। वह नियमित रूप से अच्छा खेल रहे हैं। वहीं, कुछ खिलाड़ी एक सीजन में चमकने के बाद फेल हो गए। वैसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में आपको यहां बता रहे हैं…

पॉल वाल्थाटी

पॉल वाल्थाटी

पॉल वाल्थाटी – फोटो : IPL/BCCI

एक सीजन में कमाल करने के बाद फेल होने वाले खिलाड़ियों की सूची में सबसे पहला नाम पॉल वाल्थाटी का आता है। किंग्स इलेवन पंजाब के लिए 2011 में पॉल वाल्थाटी ने कमाल किया था। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने उस सीजन से पहले 2009 में सिर्फ दो मैच खेले थे। 2011 में पंजाब ने उन्हें ओपनर बनाया। उन्होंने टूर्नामेंट की शुरुआत में ही मजबूत चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ धमाकेदार पारी खेली थी। वाल्थाटी ने 63 गेंदों पर नाबाद 120 रन बनाए। उन्होंने सीजन में 35.61 की औसत से 463 रन बनाए थे। इसके बाद वह अपने फॉर्म को बरकरार नहीं रख पाए। 2012 में उन्हें छह और 2013 में सिर्फ एक मैच खेलने का मौका मिला था।

सौरभ तिवारी

सौरभ तिवारी

सौरभ तिवारी – फोटो : IPL/BCCI

महेंद्र सिंह धोनी की तरह लंबे बाल रखने के कारण चर्चा में आए बाएं हाथ के बल्लेबाज सौरभ तिवारी ने 2010 में कमाल कर दिया था। मुंबई इंडियंस को उन्होंने फाइनल तक पहुंचने में मदद की थी। सौरभ ने 419 रन उस सीजन में बनाए थे। उन्हें सीजन का इमर्जिंग प्लेयर चुना गया था। इसके बाद उन्हें भारत के लिए तीन वनडे में भी खेलने का मौका मिला था, लेकिन वह फेल हो गए। 2011 सीजन से उन्होंने कभी भी एक आईपीएल में 200 रन नहीं बनाए। उनका स्ट्राइक रेट भी मुश्किल से 120 के पार जा सका। लगातार खराब प्रदर्शन के कारण सौरभ को 2022 मेगा ऑक्शन में किसी ने नहीं खरीदा और उनका आईपीएल करियर लगभग समाप्त हो गया।

स्वप्निल असनोदकर

स्वप्निल असनोदकर

स्वप्निल असनोदकर – फोटो : IPL/BCCI

शीर्ष क्रम के एक प्रतिभाशाली विस्फोटक बल्लेबाज स्वप्निल असनोदकर ने 2008 में उद्घाटन सत्र में राजस्थान रॉयल्स की खिताबी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। असनोदकर ने 2008 सीजन में 311 रन बनाए, लेकिन अगले साल 2009 में जल्द ही फेल हो गए। आठ मैचों में केवल 12 की औसत से रन बनाए। इस दौरान एक भी अर्धशतक नहीं लगाया। अगले दो सीजन में उन्हें तीन मैच खेलने का मौका मिला और फिर उनका आईपीएल करियर समाप्त हो गया। असनोदकर ने 2018 तक गोवा के लिए घरेलू क्रिकेट खेला।

मनविंदर बिस्ला

मनविंदर बिस्ला

मनविंदर बिस्ला – फोटो : IPL/BCCI

मनविंदर बिस्ला की कहानी आईपीएल में सबसे प्रसिद्ध है। उनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने आईपीएल सिर्फ चेन्नई सुपरकिंग्स को खिताबी हैट्रिक से रोकने के लिए खेला था। बिस्ला ने आईपीएल 2012 के फाइनल में जिस तरह का खेल दिखाया था उससे ऐसा लग रहा था कि वह उनके करियर का आखिरी मैच था। उन्होंने कोलकाता नाइटराइडर्स को चैंपियन बनाया था। 

ऐसा नहीं है कि बिस्ला का नाम उससे पहले कोई नहीं जानता था। वह 21 मैच खेल चुके थे। उन्होंने एक अर्धशतक लगाया था। चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम फाइनल में उन्हें अपना खतरा नहीं मान रही थी। गौतम गंभीर के शून्य पर आउट होने के बाद बिस्ला ने पारी को संभाला और 48 गेंद पर 89 रन बनाकर टीम को चैंपियन बना दिया। इस मैच के बाद बिस्सा के फॉर्म में गिरावट आई। वह 2013 में 14 मैचों में खेले। उनका औसत 30 से गिरकर 19 पर आ गया। इसके बाद अगले दो सीजन में उन्हें सिर्फ तीन मैचों में खेलने का मौका मिला। 2017 तक उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेला।

मनप्रीत गोनी

मनप्रीत गोनी

मनप्रीत गोनी – फोटो : IPL/BCCI

मनप्रीत गोनी 2008 में पहले आईपीएल सीजन से सुर्खियों में आए। उस साल वह चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। उन्होंने कुल 17 विकेट झटके थे। इसके बाद उन्हें एशिया कप के लिए भारतीय टीम में भी शामिल किया गया। गोनी ने दो वनडे में दो विकेट लिए। वह अपनी 2008 की सफलता को बाद के सीजन में दोहरा नहीं सके। उन्होंने अपने अगले 28 मैचों में 20 विकेट लिए। 2017 उनका आखिरी सीजन था। उन्होंने आखिरी बार 2019 में घरेलू क्रिकेट खेला था। उसके बाद से वह अलग-अलग छोटी लीगों में खेल रहे हैं।