बिलासपुर। जिले में तेज रफ्तार मेटाडोर पलटने से 22 लोग घायल हो गए हैं, जिनमें दस की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जांजगीर जिले के करीब 52 लोग मेटाडोर में सवार होकर मरही माता देवी दर्शन कर लौट रहे थे। तभी बीच सड़क में अनियंत्रित होकर मेटाडोर पलट गई। घटना बेलगहना चौकी क्षेत्र की है।
चौकी प्रभारी व एएसआई हेमंत सिंह ने बताया कि जांजगीर-चांपा जिले के अकलतरा क्षेत्र के ग्राम बरगवां निवासी विक्रम सिंह धुर्वे पिता शंकरसिंह धुर्वे (37) अपने परिवार व रिश्तेदार सहित करीब 52 लोगों को लेकर देवी दर्शन करने के लिए भनवारटंक स्थिति मरहीमाता देवी दर्शन करने आए थे। सभी मेटाडोर में सवार थे। इनमें महिलाओं के साथ ही बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे। दोपहर की समय देवी दर्शन करने के बाद सभी लोग मेटाडोर में सवार होकर वापस अपने गांव जाने के लिए निकले थे। शाम करीब 5 बजे मेटाडोर खोंगसरा मार्ग पर बिटकुली के पास पहुंची थी। तभी तेज रफ्तार मेटाडोर अनियंत्रित होकर बीच सड़क में पलट गई।
पुलिस पूछताछ में घायल ग्रामीणों ने बताया कि वाहन का चालक राजकमल काफी तेज रफ्तार से चला रहा था और मेटाडोर लहरा रही थी। इस हादसे के बाद उसमें सवार लोगों में अफरा-तफरी मच गई और लोग चीखते-चिल्लाते रहे। इस हादसे के बाद आसपास के लोग घायलों की मदद के लिए दौड़े। मेटाडोर में फंसे लोगों को उन्होंने बाहर निकाला। फिर पुलिस के डायल 112 को जानकारी दी। खबर मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई।
इस हादसे में घायलों में अर्जुन सिंह गोंड, प्रेम यादव, बहोर सिंह, हीना कंवर, लखेश्वर सिंह, दीप्ति धुर्वे, कुमारी बाई, सुनील कुमार, सुकवार सिंह, अरुणा नेताम सहित अन्य को इलाज के लिए रतनपुर अस्पताल ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायलों को सिम्स भेज दिया गया। पुलिस के अनुसार 10 लोगों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। 12 लोगों सामान्य चोटें आई हैं। पुलिस ने आरोपी वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि भनवारटंक से निकलने के बाद मेटाडोर चालक खतरनाक ढंग से काफी तेज गति से चला रहा था। उसे रास्ते में लोगों ने स्पीड धीरे करने की सलाह भी दी और उसे समझाइश देते रहे। लेकिन, चालक ने किसी की बात नहीं सुनी। आगे जाकर कुछ दूर में यह हादसा हो गया।