नईदिल्ली : एकनाथ शिंदे से शिवसेना के धनुष-बाण चुनाव चिन्ह की लड़ाई हारने के एक दिन बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आक्रामक दिखाई दिए. पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार (18 फरवरी) को अपने घर मातोश्री में एक सनरूफ वाली कार से कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. उन्होंने अगले चुनाव का आह्वान करते हुए अपने कार्यकर्ताओं से तैयार रहने के लिए कहा. जिसके बाद उद्धव ठाकरे अब बीजेपी के निशाने पर आ गए है.
उद्धव ठाकरे के भाषण की तुलना 1968 में बालासाहेब ठाकरे के छत पर खड़े होकर दिए गए भाषण से की जा रही है. बीजेपी के केशव उपाध्याय ने उद्धव ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा कि कार पर खड़े होकर बालासाहेब नहीं बन सकते. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बालासाहेब बनने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. बालासाहेब ने दिन-रात मेहनत की, कार्यकर्ताओं का भरण-पोषण किया, संगठन खड़ा किया, शिवसेना को सत्ता में लाए, लेकिन अब पार्टी के संगठन को खराब कर दिया गया है.
‘सबक सिखाने तक नहीं बैठेंगे चैन से’
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपने संबोधन में कहा था कि चुनाव में चोर को सबक सिखाने तक हम चैन से नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि चोर ने मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंका है, लेकिन उसे मधुमक्खी के डंक का अनुभव नहीं हुआ है. उद्धव ने कहा कि शिंदे ने धनुष-बाण चुरा लिया है, लेकिन जैसे रावण शिव धनुष को नहीं उठा सका वैसे ही शिंदे चुराया हुआ धनुष-बाण नहीं उठा पाएगा. उद्धव ने कहा, ‘चोर को ठाकरे का नाम, बाला साहेब की फोटो चाहिए, लेकिन शिवसेना परिवार नहीं.’
शिंदे गुट के पक्ष में सुनाया फैसला
चुनाव आयोग ने शुक्रवार (17 फरवरी ) को शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि इसे शिवसेना के नाम से जाना जाएगा. चुनाव आयोग के फैसले ने साफ कर दिया है कि शिवसेना का पार्टी का नाम, ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिह्न एकनाथ शिंदे गुट के पास बरकरार रहेगा. उद्धव और शिंदे की लड़ाई एकनाथ और उनके विधायकों के खेमे के विद्रोह के साथ शुरू हुई. जिसकी वजह उद्धव सरकार गिर गई. वहीं, बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाकर लगाम अपने हाथों में थामे रखी.