अंबिका सिंहदेव और उनके पति अमिताभ कुमार घोष
कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया की बैकुंठपुर सीट से कांग्रेस विधायक और संसदीय सचिव अंबिका सिंहदेव के एनआआई पति अमिताभ कुमार घोष ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। इस बार उन्होंने राजनीति को गंदा बताया है। साथ ही यह भी लिखा अंबिका राजनीति को चुनें या फिर उन्हें। अमिताभ घोष ने लिखा है कि यह उनकी आखिरी पोस्ट है। उन्होंने पोस्ट पर कुछ लोगों पर बिना नाम लिए निशाना साधा है। लिखा है कि मोहब्बत है, तभी जाने दे रहा हूं…।
अमिताभ घोष अपनी पत्नी और विधायक अंबिका सिंहदेव के साथ
अंतिम और फाइनल पोस्ट
विधायक अंबिका सिंहदेव के पति यूके में बिजनेसमैन हैं। दंपति के दो बेटे हैं और तीनों ही विदेश में ही रहते हैं। उनके पति अमिताभ घोष ने फेसबुक पर ‘मुझे भी कुछ कहना है’ के माध्यम से एक के बाद एक कई पोस्ट किए हैं। रविवार को की गई पोस्ट को उन्होंने अंतिम और फाइनल पोस्ट बताया है। यह भी लिखा है कि वह सोमवार को आखिरी पोस्ट करना चाहते थे, लेकिन अब थक गए हैं। ऐसे में एक दिन पहले ही पोस्ट के इस सिलसिले का अंत कर रहे हैं।
जिंदगी से भागकर कहां जाओगे…
अमिताभ घोष ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि, काश सुशांत सिंह राजपूत और अन्य अनेक लोग चुप-चाप चले जाने से पहले थोड़ा हिम्मत करके मेरे ही तरह कुछ किए होते। जिंदगी से भाग के जाओगे कहां….. अब मतलब पर, मैं क्यूँ चाहता हूं अंबिका जी राजनीति छोड़ दें? छोटा सा उत्तर है, “राजनीति नही गंदी राजनीति”। इस विषय में विस्तार से मैं कुछ और नहीं लिखूंगा, क्योंकि चोरी-छिपे तो कुछ होता नहीं है। जो भी होता है खुले आम होता है।
विधायक अंबिका सिंहदेव के पति अमिताभ घोष।
मैंने कभी नहीं चाहा कि पत्नी राजनीति में आए
आगे अमिताभ घोष ने लिखा है, आपको दिखाई नहीं देता? देता है, पर आप कहोगे, राजनीति तो ऐसा ही होता है। सही बात है। इसीलिए तो मैं कभी नहीं चाहा के मेरी पत्नी राजनीति में आए या रहें। आप अपनी पत्नी को छोड़ दोगे इस राजनीति के मैदान में? नहीं न, तो हमसे यह उम्मीद क्यूं रखते हो साहब? आप में से बहुत लोग मुझे पहले से जानते हैं, कुछ पीछे दो साल से। एक जन भी तो आगे हो कर हमसे बोले नहीं कि, आप उन्हें समझाएं कि इस सियासी मैदान से बहार आ जाएं।
जो-जो इस अपराध से जुड़े हैं, सबका संसार उजड़े
एनआरआई पति ने कहा कि, उल्टा आप अपने स्वार्थ और मतलब से अंबिका जी का साथ दिए। क्यूं अंबिका जी विधवा हैं? मैं मर गया हूं, डिवोर्सी हैं, मैं छोड़ के भाग आया हूं? अंबिका जी के साथ मेरा नाम हर जगह पर जुड़ा है। यहां तक कि उनके सरकारी बंगले के हर एक बिल पर। आपका नहीं। मैं ईश्वर पर भरोसा रखता हूं। माँ रामदैया से प्रार्थना रहा हूं कि जो-जो इस अपराध से जुड़े हैं, सबका संसार ऐसे ही उजड़े। पूरा नामों का लिस्ट मैं माँ के चरणों में रख के आया हूं। वो इंसाफ करें। जब आप पर बीतेगा, तब आपको समझ में आएगा हम पर क्या गुजरा।
अमिताभ घोष ने सोशल मीडिया पर की पोस्ट।
एक-एक सबूत इकठ्ठा किए
अमिताभ ने लिखा है कि, अंबिका जी के राजनीति में आने से दो साल पहले मैं सब समझ रहा था इंग्लैंड से। 2021 से अब तक देखा-सुना-समझा। एक-एक करके इंडिया में सबूत इकठ्ठा किए। घबराइये मत, मैं न ही किसीका नाम लेने वाला हूं, न ही कोई सबूत जन समक्ष में लाने वाला हूं, अगर मजबूर न किए गए तो। मुझे साहब किसी से कुछ लेना देना नहीं, बस मेरी बीवी मुझे वापस मिल जाए। जो हुआ बहुत हुआ। मैं उनको पिछले चार साल से तो समझा ही रहा था, वो नहीं सुने। फिर मैंने उन्हें कहा कि मैं क्या करूंगा। वह सोचे कि, यह सिर्फ बोल रहे है कुछ करेगा नहीं।
सबको एक हादसा जरूरी है
आगे लिखते हैं कि, नहीं हुजूर! कौन सीखा है सिर्फ बातों से, सबको एक हादसा जरूरी है। कर दिया न मैंने “हादसा”। अब फैसला अंबिका जी को लेना है। “या तो वो राजनीति चुने या मुझे”। ऑप्शन दे दिया, निर्णय वो लें। साक्षी आप बनें। वो जो भी फैसला लेंगे मुझे स्वीकार है। एक शब्द भी और नहीं लिखूँगा इस विषय में। चलते-चलते सिर्फ आखिरी दो लाइन- मोहब्बत है इसीलिए जाने दे रहा हूं, जिद होती तो कहीं का नहीं रहती।