नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। केंद्र सरकार का यह अंतिम पूर्णकालिक बजट होगा। सरकार इस बार बजट में रेलवे, ट्रांसपोर्ट और मेट्रो को लेकर कई बड़े फैसले ले सकती है। इसमें सभी मंत्रालयों को मिलाकर किसी एक मंत्रालय के अंतर्गत लाना भी शामिल है। उम्मीद है कि सरकार इस बजट में इसका एलान कर दे। इससे पहले भी केंद्र सरकार कई मंत्रालयों के नाम बदल चुकी है। ऐसे में पूरी संभावना है कि सरकार इन मंत्रालयों पर कोई फैसला ले।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बात की संभावना है कि सरकार बजट में रेल, सड़क-परिवहन और मेट्रो को जोड़कर एक ही मंत्रालय के अंतर्गत ला सकती है। इससे पहले भी बजट में सरकार ने मंत्रालयों के नाम, काम और स्ट्रक्चर में बदलाव किया है। ऐसे में इस की संभावना है कि ट्रांसपोर्टेशन को और बेहतर बनाने के लिए इन सभी मंत्रालयों को एक साथ मर्ज कर किया जा सकता है।
इससे पहले मोदी सरकार मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय किया था। जबकि जहाजरानी यानी शिपिंग मंत्रालय का नाम बदलकर अब मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग और वाटरवेज किया। इससे पहले कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किया था।
वहीं देश में 2016 से पहले, रेलवे बजट अलग से पेश किया जाता था। आम बजट के कुछ दिन पहले रेल मंत्री इसे संसद में पेश करते थे। लेकिन 2015 में नीति आयोग की एक सिफारिश को मानते हुए सरकार ने इसे अलग से पेश करना बंद कर दिया था। आखिरी बार, 2016 में तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने संसद में अलग से रेल बजट पेश किया था। इसके बाद 2017 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे बजट के साथ ही पेश किया।