रायपुर।रायपुर में बागेश्वर धाम वाले पं धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बयान दिया है, कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र बना देंगे। ये बातें उन्होंने शहर के गुढ़ियारी इलाके में चल रही राम कथा में कहीं। 17 से 23 जनवरी तक आयोजित इस कार्यक्रम में लाखों लोग पहुंचे थे। कथा के समापन के दिन उन्होंने मंच से लोगों में जोश भरते हुए यह दावा किया।
सबसे पहले पं. धीरेंद्र कृष्ण ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को याद किया। कहा- भारत देश के वीर सुभाष चंद्र बोस का नारा था तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। हम आज नया नारा बोल रहे हैं- तुम मेरा साथ दो हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे… भारत के लोगों चूड़िया पहनकर घर पर मत बैठो। इतना सुनते ही पं. शास्त्री के मंच के सामने बैठे लोग जय श्री राम के नारे लगाने लगे।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा- आज लोगों ने मेरे ऊपर उंगलियां उठाई है। आगे सभी सनातनी के साथ ऐसा करेंगे। अगर अपने घरों से नहीं निकले तो हम तुम्हें बुजदिल मानेंगे । पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि भारत में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जिस पर उंगली नहीं उठी हो। सभी लोगों को कसौटी पर खरा उतरना पड़ा है।
लोग हमसे पूछते हैं कि चमत्कार क्या है। पहला चमत्कार तो यही हो गया है कि भारत का हिंदू अब एक हो गया है। अगर दूसरा चमत्कार देखना है तो दरबार में आ जाना। उन्होंने कहा कि तीसरा चमत्कार यह है कि तुम प्रार्थना को बेकार मत जाने देना। बागेश्वर महाराज ने कहा कि हमें कोई राजनेता नहीं बनना है। हमें किसी पार्टी में नहीं जाना है।
हर रोज जुटती रही लाखों की भीड़
बीते 17 जनवरी से रायपुर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री महाराज राम कथा करने पहुंचे थे। ये कार्यक्रम 23 जनवरी तक शहर के गुढ़ियारी इलाके में चला। धीरेंद्र शास्त्री को नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता ने अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया। ये विवाद तूल पकड़ता चला गया और हर दिन कार्यक्रम में लाखों लोगों की भीड़ आने लगी। 20 और 21 जनवरी को 4 लाख से ज्यादा लोग आए। पं धीरेंद्र शास्त्री ने भीड़ से लोगों को बुलाकर उनके बारे में बिना पूछे पर्चे में बातें लिखीं। दावा किया गया कि उन्हें ये सब पहले से पता नहीं है। मंच से धीरेंद्र शास्त्री ये भी कहते दिखे कि – मैं कभी नहीं कहता कि मैं कोई संत नहीं हूं, मैं साधारण आदमी हूं।
मंत्री कवासी का चैलेंज, शंकराचार्य ने उठाए सवाल
दरअसल, पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने रायपुर में मीडिया से बात करते हुए दावा किया था, कि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले बढ़े हैं। उन्होंने बस्तर का जिक्र किया था और कहा था कि वहां के सनातन हिंदुओं को दूसरे धर्म में जाने देने से रोकना होगा। इसके बाद बस्तर के नेता और राज्य सरकार में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने उन्हें बस्तर चलने और इसे साबित करने कहा। लखमा ने तो यहां तक कह दिया कि बाबा को कैसे पता चला, क्या उन्हें सपना आया था। अगर वो दिखा दें तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
धीरेंद्र शास्त्री पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बिलासपुर में कहा – ‘हमारे मठ में दरार आ गई है, उसे जोड़ो। जोशीमठ में आई दरारों को रोको। अगर ऐसा कर सकते हैं, तो हम उनपर फूल बरसाएंगे , झुक कर पलकें बिछाएंगे। देश की जनता चाहती है कि कोई चमत्कार हो। जो चमत्कार जनता की भलाई में हो, तो उसे हम नमस्कार करेंगे, नहीं तो ये छलावा है।
द्वारिका पीठ के जगतगुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती कटनी पहुंचे। यहां उन्होंने कहा – ‘जो लोग धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वो कभी बागेश्वर धाम गए? क्या उन्होंने लोगों का भला करने के लिए दक्षिणा ली है, पैसा लिया? कोई ऐसा व्यक्ति, जिसको उन्होंने ठीक करने का वादा किया। कोई एग्रीमेंट किया? वो ठीक नहीं हुआ हो? ऐसा कुछ नहीं है। पहले विश्वास और अंधविश्वास में अंतर समझना पड़ेगा।
चैलेंज देने वाले श्याम मानव नहीं आए
चैलेंज के साथ बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण ने दरबार लगाया। धीरेंद्र कृष्ण ने कहा कि नागपुर वालों को मैंने रायपुर आने को कहा था। अगर यहां आ गए हो तो सामने आओ, तुम्हारी ठठरी बांध देंगे और तुम्हें गीला करके भेजेंगे। नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता श्याम मानव ने धीरेंद्र कृष्ण पर अंध विश्वास फैलाने का आरोप लगाया था उन्हें चैलेंज करते हुए बाबा ने रायपुर बुलाया था मगर श्याम मानव नहीं आए। पं धीरेंद्र कृष्ण कहते हैं बजरंग बली की कृपा से भीड़ में से किसी को भी उठाकर वो उसकी समस्या और समाधान बता देते हैं। इसके लिए कोई पैसा नहीं लेते। न ही खुद को संत बताते हैं और न ही किसी को अपने कार्यक्रम में आमंत्रित करते हैं।
कौन हैं धीरेंद्र शास्त्री
मध्यप्रदेश में बागेश्वर धाम एक चंदेलकालीन प्राचीन सिद्ध पीठ है। 1986 में ग्रामवासियों द्वारा मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। उसके बाद सन 1987 के बीच में ग्राम गढ़ा के बाबा सेतुलाल महाराज उर्फ भगवानदास महाराज निर्मोही अखड़ा चित्रकूट से दीक्षा प्राप्त करके बागेश्वर धाम पहुंचे थे। इसके बाद सन 1989 में एक विशाल यज्ञ का आयोजन करवाया गया था।
26 साल के धीरेंद्र शास्त्री बताते हैं कि ये उनके दादा के जमाने से चला आ रहा है। यहां उनके पूर्वज दरबार लगाकर लोगों को उनकी समस्या समाधान बताते थे। बागेश्वर धाम ग्राम गढ़ा छतरपुर जिले में स्थित है। सोशल मीडिया पर धीरेंद्र शास्त्री के वीडियोज बीते दो सालों में काफी वायरल हुए और वे मशहूर हुए।