छत्तीसगढ़ः विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, कानून व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर भाजपा लाएगी स्थगन, विपक्ष ने बनाई सरकार को घेरने की रणनीति

रायपुर। विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। विधानसभा की कार्यवाही से पहले कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होगी। इसकी अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत करेंगे। इधर नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के निवास पर क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल और संगठन महामंत्री पवन साय की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल ने सरकार को घेरने की रणनीति तय की।

भाजपा हर दिन स्थगन लाने की योजना पर काम कर रही है। भाजपा कानून व्यवस्था के साथ ही किसानों की समस्याओं, कर्मचारियों के नियमितिकरण के मुद्दे पर स्थगन लाएगी। इसके अलावा धर्मांतरण और पीएम आवास के मुद्दे पर भी सदन में चर्चा के लिए सरकार को बाध्य करने की योजना है।

विधायक दल की बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष चंदेल ने कहा, प्रदेश में एक नहीं अनेक मुद्दे हैं। प्रदेश में जो सबसे बड़ा मुद्दा है, वह कानून व्यवस्था का है।

कर्मचारियों के नियमितीकरण का गूंजेगा मुद्दा

प्रदेश में तेजी के साथ में नित नए किस्म की घटनाएं हो रही हैं। इसे लेकर हम स्थगन लाएंगे। साथ ही किसानों की समस्याएं, धान बेचने में टोकन प्राप्त करने में किसानों को दिक्कत आ रही है, इसे लेकर भी हम स्थगन लाएंगे।प्रदेश के 4 लाख कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर पूरे प्रशासन को ठप किया था। सरकार आज भी अधिकारी कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं कर रही है। इस विषय को भी हम विधानसभा में स्थगन के माध्यम से लाने वाले हैं।

धर्मांतरण का मुद्दा भी उठेगा

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि, सरकार को हम बाध्य करेंगे कि वह इस पर चर्चा कराए। चंदेल ने कहा,धर्मांतरण इस प्रदेश में एक बड़ा मुद्दा है। यह धर्मांतरण नहीं, राष्ट्रांतरण है। देश की सुरक्षा व्यवस्था पर खतरा है। धर्मांतरण के मुद्दे पर भी हम पूरी गंभीरता के साथ सदन में चर्चा करेंगे।

ऑनलाइन गेमिंग पर सख्त कानून ला सकती है सरकार

ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा एप को रोकने सरकार सख्त कानून का विधेयक ला सकती है। इसी सत्र में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जा सकता है। इसके तहत 10 लाख जुर्माना और 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया जा सकता है।रायपुर में ही हर साल औसतन 2 हजार सटोरी और जुआरी पकड़े जाते हैं। इसमें इंटरनेशनल गैंग के गुर्गे भी होते हैं, लेकिन पुलिस उन पर प्रतिबंधात्मक धारा यानी धारा 151 के अलावा कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाती और आरोपी थाने से ही छूट जाते हैं।