रायपुरः बीजेपी के 100 नेताओं पर FIR, निगम घेराव के दौरान DSP से मारपीट, कंधे पर लगे स्टार खींचे, तोड़-फोड़ भी किया

रायपुर। पुलिस ने 100 से अधिक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज की है। गुरुवार को रायपुर में हुए नगर निगम घेराव के बाद ये कार्रवाई की गई है। आरोप है कि भाजपा नेताओं ने पुलिस कर्मियों को पीटा, महिला पुलिस से अभद्र व्यवहार किया, कंधे पर लगे स्टार खींचे। निगम मुख्यालय कैम्पस में तोड़-फोड़ की और सरकारी संपत्ति का नुकसान किया। एक पुलिसकर्मी और दूसरी निगम के ही जोन 4 के कमिश्नर की शिकायत पर दो FIR दर्ज की गई है।

पहले मामले में बताया गया है कि भाजपा के नेता निगम ऑफिस की बालकनी पर चढ़ने के चक्कर में गेट में लगे लोहे की ग्रिल पर चढ़े। पुलिस के द्वारा मना किये जाने पर मारपीट की और गालियां देने लगे। दावा किया गया है पुलिस कॉन्स्टेबल रवि पोडियाम से भी मारपीट की गई उसके कान के पास चोट लगी है। महिला आरक्षक मंजू मिंज की आंख मे गीली मिट्‌टी का गोला बनाकर मारा गया है।

फुलेश्वरी नेताम के साथ मारपीट की गई। कालर पकड़कर कंधे पर लगे स्टार को खीचे गए हैं। उप पुलिस अधीक्षक (DSP) ज्योत्सना चौधरी के गले में भी मारपीट से चोट खरोंच आई है। इस मामले में भाजपा कार्यकर्ता हरीश साहू, राहुल राय, बजरंग ध्रुव,शुभाकंर द्विवेदी, मृत्युजंय दुबे, प्रणय साहू ,सचिन मेघानी, विकास शुक्ला, संदीप कसार, हर्षिला रूपाली शर्मा, नीतू ठाकुर समेत 50 साथियों पर केस दर्ज किया गया है।

जोन कमिश्नर की कम्प्लेन
दूसरे मामले में जोन 4 के कमिश्नर ने शिकायत की है कि भाजपा के प्रदर्शन के दौरान निगम बिल्डिंग के मुख्य दरवाजे के लोहे के ग्रिल चैनल , खिड़की के कांच , गमले तोड़ दिए गए। शासकीय निगम भवन के बालकनी में राजनैतिक झंडा लगाया गया। इस कांड को करने वालों में शिव जलम दुबे, कृष्णा देवांगन, सोनू राजपूत, शुभांकर द्विवेदी , प्रखर मिश्रा औन इनके 50-60 साथी शामिल थे। इन सभी के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है। FIR में करीब 1 लाख रूपये के नुकसान की बात भी कही गई है।

कांग्रेस ने बता दिया गुंडागर्दी
भाजपा के नगर निगम घेराव पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व रमन सरकार की कमीशनखोरी घोटाले बाजी की जांच होने से तिलमिलाए भाजपा के भ्रष्ट नेता भाजपा के कार्यकर्ताओं को बहला-फुसलाकर नगर निगम का घेराव करने ले गए थे। असल मायने में भाजपा के भ्रष्ट नेताओं का मूल मकसद निगम में जनहित के विषय पर चर्चा करना नहीं था बल्कि स्वहित जुड़ा था। इसीलिए भाजपा के घेराव में शामिल गुंडों ने सरकारी संपत्ति को क्षति पहुंचाई तोड़फोड़ की गुंडागर्दी की और वहां अभद्रता की है।