बिलासपुरः हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता हत्याकांड में मुख्तार अंसारी गैंग का हाथ, UP में छात्र की हत्या करने वाले आरोपी भी शामिल, 8 हजार के लालच में पहुंचाया पिस्टल

बिलासपुर। हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी हत्याकांड में शामिल उत्तरप्रदेश के दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिन्हें मुख्तार अंसारी गैंग का सदस्य बताया जा रहा है। इनमें एक आरोपी महज आठ हजार रुपए के लालच में आकर पिस्टल पहुंचाने आया था। जबकि, दूसरा युवक शूटर्स बनकर आया था। वह छात्र की हत्या के केस में वाराणसी जेल में 11 साल बंद था। इस पूरे कांड में मुख्तार अंसारी गैंग का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस इनके जरिए शूटर्स की तलाश कर रही है।

हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता की गोली मारकर की गई थी हत्या।

हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता की गोली मारकर की गई थी हत्या।

बीते 14 दिसंबर को दिनदहाड़े हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हाई प्रोफाइल हत्या के केस में संजू त्रिपाठी का छोटा भाई कपिल त्रिपाठी पर आपराधिक षडयंत्र कर योजनाबद्ध तरीके से उत्तर प्रदेश से शूटर्स बुलाकर हत्या कराने का मामला सामने आया है। पुलिस हत्या के इस केस में संजू के पिता जयनरायण त्रिपाठी के साथ कपिल त्रिपाठी, उसकी बहन, जीजा, भतीजा और दोस्तों के साथ ही 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो हत्या की इस साजिश में शामिल हैं।

संजू के छोटे भाई कपिल त्रिपाठी ने रची हत्या की साजिश।

संजू के छोटे भाई कपिल त्रिपाठी ने रची हत्या की साजिश।

मुख्तार अंसारी गैंग के हैं सभी शूटर्स
इस केस के आरोपी और मास्टर माइंड कपिल के दोस्त प्रेम श्रीवास को पुलिस ने रिमांड में लेकर पूछताछ की, तब पता चला कि संजू की हत्या कराने के लिए उसने हथियार सप्लायरों के जरिए शूटर्स से जान-पहचान बनाई, जिसमें उत्तरप्रदेश के दानिश अंसारी और ताबीज अंसारी नाम के शूटर्स के साथ ही अन्य शूटर्स से संजू की हत्या कराने के लिए सौदा तय किया था। उसके बताए अनुसार पुलिस तकनीकी जानकारी जुटाकर उत्तरप्रदेश के वाराणसी के भूलपुर के बिरदोपुर में रहने वाले मोनू उर्फ अभिषेक मिश्रा पिता प्रकाशचंद्र मिश्रा (38) को पकड़ लिया। उससे पूछताछ में पता चला कि उसने 2008 में एक छात्र की हत्या के केस में जेल में था। वह 11 साल जेल में रहने के बाद जमानत पर छूटा था। बीते 10 नवंबर को उसकी मुलाकात दानिश और ताबीज से हुई, तब उन्होंने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में कांड करने की जानकारी दी और एक लाख रुपए देने की बात कही। इस पर वह तैयार हो गया और 14 नवंबर को वह ताबीज और दानिश के साथ बस में बैठकर वाराणसी से बिलासपुर आ गया। बताया जा रहा है कि दानिश और ताबीज उत्तरप्रदेश के विधायक और कुख्यात बदमाश मुख्तार अंसारी गैंग के सदस्य हैं।

साजिश में कपिल के पिता और पत्नी भी थीं शामिल।

साजिश में कपिल के पिता और पत्नी भी थीं शामिल।

प्लानिंग से पहले रैकी कर वापस चले गए थे शूटर्स
आरोपी मोनू उर्फ अभिषेक ने पुलिस को बताया कि बिलासपुर में उनके लिए प्रेम श्रीवास ने रूकने का इंतजाम किया था। 16 नवंबर को कपिल त्रिपाठी आकर इनसे मिला और बोला कि एक व्यक्ति की हत्या कराना है। कपिल त्रिपाठी ने हत्या की प्लानिंग बताई और एक कट्टा और दो पिस्टल को दिखाकर इनसे बोला कि, जिस व्यक्ति की हत्या करना है, वह स्कूल और चौराहे में आता-जाता है। इन लोगों ने कपिल त्रिपाठी के बताए अनुसार स्कूल और चौराहे पर जाकर रैकी की। इसके बाद ताबीज ने बोला कि कांड करने में और भी हथियार की जरूरत पड़ेगी। इसके बाद तीनों 17 नवंबर वापस चले गए। कुछ दिन बाद ताबीज ने मोबाइल पर कॉल किया और दानिश के साथ वाराणसी कोर्ट के पास मिला। इस दौरान उसने बोला कि अब कपिल त्रिपाठी एक व्यक्ति को हत्या करने के एवज में एक लाख देने के लिये तैयार हो गया है। तब यह दानिश और ताबीज के साथ बस में बैठकर फिर से बिलासपुर आ गया। बिलासपुर में कपिल त्रिपाठी के फार्म हाउस में रूके थे तब कपिल त्रिपाठी ने बताया था कि जमीन विवाद के कारण वह अपने बड़े भाई की हत्या कराना चाहता है। 25-26 नवंबर को सभी लोग उस सावांताल फार्म हाउस में जाकर रैकी भी किए थे। इस बीच 27 नवंबर को उसके घर में काम आ जाने के करण वह वापस चला गया। वहीं दानिश और ताबीज बिलासपुर में ही रूके रहे। उसके बताए अनुसार पुलिस अब दानिश और ताबीज अंसारी के साथ ही अन्य शूटर्स की तलाश में जुट गई है।

हत्याकाडं में अब तक 16 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी।

हत्याकाडं में अब तक 16 आरोपियों की हो चुकी है गिरफ्तारी।

आठ हजार रुपए की लालच में पिस्टल पहुंचाने आया युवक
पुलिस ने इस केस में उत्तरप्रदेश के वाराणसी के चौबेपुर क्षेत्र के ग्राम कमौली निवासी सावन पाठक पिता द्वारिका पाठक (22) को भी पकड़ा है। वह 13 दिसंबर को वाराणसी से पिस्टल पहुंचाने आया था। उसे वाराणसी में एक पिस्टल दिया गया, जिसे बिलासपुर पहुंचाने पर पांच हजार रुपए दिया गया। उसे प्रेम श्रीवास से बात कराया गया और जब वह पिस्टल लेकर पहुंचा, तब प्रेम श्रीवास से बात कर सीपत चौक में मिला और पिस्टल लिया और उसे कपिल त्रिपाठी के फार्म हाउस लेकर गया। इसके एवज में प्रेम श्रीवास ने उन्हें तीन हजार रुपए अलग से दिया। फिर वह वापस वाराणसी लौट गया।

गोलियों से संजू के सिर को कर दिया था छलनी।

गोलियों से संजू के सिर को कर दिया था छलनी।

बनारस में गैंगस्टर्स की टीम, कोर्ट में करते हैं मुलाकात
पुलिस की जांच और पूछताछ में पता चला है कि बनारस में गैंगस्टर्स कोर्ट है, जहां उत्तरप्रदेश के सभी शूटर्स आपस में मुलाकात करते हैं। यहीं उनका सौदा होता है और कांड करने के लिए प्लानिंग करते हैं। बताया जाता है कि यहां बनारस के साथ ही गाजीपुर सहित आसपास के शूटर्स की पेशी होती है।

कार को घेर कर शूटर्स ने की थी ताबड़तोड़ फायरिंग।

कार को घेर कर शूटर्स ने की थी ताबड़तोड़ फायरिंग।


पुलिस की जांच में हत्याकांड की इस साजिश में शामिल शूटर्स के नाम भी सामने आने लगे हैं। पुलिस को शक है कि वारदात में पांच शूटर्स शामिल थे, जिसमें दानिश और ताबीज के साथ ही उसके अन्य दोस्त शामिल हो सकते हैं। उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार दो आरोपी मोनू उर्फ अभिषेक और सावन पाठक से पूछताछ के आधार पर पुलिस उनकी तलाश कर रही है।