छत्तीसगढ़ः बकाये पर भाजपा-कांग्रेस में घमासान, भाजपा ने कहा, केंद्र सरकार प्रदेश को 1.71 लाख करोड़ दे चुकी, कांग्रेस बोली – 55 हजार करोड़ रोक कर बैठा है केंद्र

रायपुर। कोयले की अतिरिक्त लेवी का 41 हजार करोड़ नहीं देने के केंद्र सरकार के बयान के बाद छत्तीसगढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच घमासान मच गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर राज्य के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। अब भाजपा ने कहा है कि इस मामले में कांग्रेस झूठ बोल रही है। पिछले चार साल में केंद्र सरकार ने प्रदेश को एक लाख 71 हजार करोड़ रुपए दिए हैं। वहीं कांग्रेस का कहना है, केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के हक का 55 हजार करोड़ रुपया दबाकर बैठी है।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने कहा, मुख्यमंत्री सहित पूरे कांग्रेसी मंत्रिमंडल को प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना चाहिए। कांग्रेस के लगातार झूठे आरोपों के बाद भी उन्होंने कांग्रेस सरकार को पिछले चार वर्षों में एक लाख 71 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी है। कांग्रेस की मनमोहन सरकार के समय छत्तीसगढ़ को प्रतिवर्ष लगभग 30 से 35 हजार करोड़ ही मिलते थे। चिमनानी का कहना है, केंद्र सरकार ने इन चार सालों में राज्य सरकार को जीएसटी मद में 29 हजार 466 करोड़ और जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिए 10 हजार करोड़ दिए हैं। कॉरपोरेट टैक्स में मद में 31 हजार 484 करोड़, इनकम टैक्स के मद में 29 हजार 80 करोड़,14वें और 15वें वित्त आयोग में 7 हजार 228 करोड़ ,मनरेगा में 2 हजार 800 करोड़ सहित कई अन्य मदो में कुल 1 लाख 71 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि दी है।

इधर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के बाद कर संग्रहण का पूरा अधिकार राज्यों से केन्द्र के पास चला गया। ऐसे में राज्यों के हिस्से का पैसा समय पर देना केन्द्र सरकार की संवैधानिक बाध्यता है। राज्य के हक का पैसा जब केन्द्र नहीं देगा तो राज्य के लोगों के लिये चलाई जाने वाली जनकल्याणकारी योजनायें भी प्रभावित होंगी। मरकाम ने कहा, केंद्र सरकार के पास राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति का 14 हजार करोड़ रुपया बाकी है। कोयले की रायल्टी का अतिरिक्त लेबी का 4140 करोड़ रुपया है, सेंट्रल एक्साईज के 13 हजार करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री शहरी आवास की दो किस्तों का तीन हजार करोड़, खाद सब्सिडी का 3 हजार 631 करोड़ रुपया। मनरेगा का 9 हजार करोड़ और मनरेगा तकनीकी सहायता के 350 करोड़ रुपए की राशि केंद्र के पास रुकी हुई है। इसके अलावा केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का खर्च भी राज्य के पैसे से काट लिया है। यह 11 हजार करोड़ रुपए होते हैं। यह पूरी रकम 55 हजार 121 करोड़ रुपए होती है।

भाजपा बोली, एडिशनल लेवी का पैसा राज्यों को देना नियम संगत नहीं

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित का कहना है, कोयले की एडिशनल लेवी 42 कोल ब्लॉक पर लगाई गई थी। उसमें से आठ कोल ब्लॉक छत्तीसगढ़ के है। यह राशि 34 ब्लॉक वाले अन्य प्रदेशों को भी नही दी गई क्योंकि यह नियम संगत नहीं है। ऐसे में कांग्रेस का केंद्र पर सौतेला व्यवहार या पक्षपात का आरोप, राजनीति से ही प्रेरित प्रमाणित होता है। चिमनानी ने कहा, राज्य सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय में याचिका लगा चुकी है। ऐसे में राजनीति करने की बजाय कोर्ट के निर्णय का इंतजार करना चाहिए।

कांग्रेस ने कहा, भाजपा के नेता ही नहीं चाहते प्रदेश का कल्याण

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, भाजपा नेता बतायें कि उनके कितने सांसदों, विधायकों और छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं ने राज्य का बकाया दिलाने के लिये पत्राचार किया। अथवा प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री से इसके लिए आग्रह किया। छत्तीसगढ़ के भाजपा के नेता दलीय प्रतिबद्धता को राज्य के हितों पर तरजीह देते हैं। छत्तीसगढ़ का कोई भी भाजपा नेता नहीं चाहता कि केंद्र सरकार राज्य का बकाया दे। वे चाहते हैं कि राज्य सरकार के पास हमेशा वित्तीय संकट बना रहे ताकि राज्य की जनकल्याणकारी योजनायें प्रभावित हों।