रायपुर। रायपुर में लापता 8 साल की बच्ची की 7 दिन बाद लाश मिली थी। इस कांड को अंजाम देने वाले का पता चल चुका है। पुलिस ने बच्ची के घर के पास ही रहने वाले नाबालिग को पकड़ा है। इसी ने इस घटना को अंजाम दिया। गुरुवार को मामले का खुलासा SSP प्रशांत अग्रवाल ने किया।
घर के पास ही रहने वाले 14 साल के नाबालिग ने बच्ची से दुष्कर्म किया और उसके बाद हत्या कर झाड़ियों में लाश फेंक दी थी। पुलिस के मुताबिक नाबालिग आरोपी बच्ची को दोपहर 2 बजे के आसपास अपने साथ घुमाने ले गया। आसपास दोनों कॉलोनी में घूमते रहे। इसके बाद आरोपी ने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। घटना के 7 दिन बाद लाश घर से 500 मीटर दूर मिली थी।
7 दिसंबर की शाम से लापता बच्ची का शव मकानों के पीछे झाड़ियों में मिला था। पुलिस ने बच्ची का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार आरोपी की तलाश कर रही थी। जहां लाश मिली वहां रहने वाले लोगों को लाश की बदबू आ रही थी। जिसके बाद देखा गया कि कॉलोनी के पिछले हिस्से में झाड़ियों के पास शव है। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मंगलवार देर रात बच्ची का शव बरामद किया गया।
पिता पर था शक
जिस जगह से बच्ची की लाश मिली वहां शव को कपड़े और थर्माकोल में लपेट कर फेंका गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्ची की हत्या कहीं और की गई और फिर यहां लाकर लाश फेंकी गई है। बच्ची की लाश मिलने के बाद अब पुलिस ने उसके पिता को हिरासत में लिया था। मगर हत्यारा तो पड़ोसी ही निकला।
गृहमंत्री के थे खास निर्देश
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कालोनी में अपने घर के सामने से खेलते-खेलते लापता हुई आठ साल की बच्ची के मामले में अफसरों से पूरी जानकारी ली और विशेष टीम बनाकर बच्ची को जल्द तलाशने के निर्देश भी दिए थे।
मां को था किडनैप हो जाने का शक
बच्ची की 3 बहनें और एक छोटा भाई है। मां ने बताया कि उसकी बड़ी बहनें कुछ खाने के लिए घर आईं। मैंने देखा एक सफेद कार के पास बेटी खड़ी थी। मैंने उसे आवाज दी कि वो इधर आ जाए, मगर वो खेलकर आउंगी कहने लगी। कुछ देर बाद जब मेरा ध्यान गया वो कार भी गायब थी और मेरी बेटी भी।
मां ने बताया कि हमने आस-पास खोजा, दूर दराज के गांव गए। रिश्तेदारों को फोन किया कहीं बच्ची का पता नहीं चला है। मेरी बेटी घर का पता जानती है, हमारा नाम भी जानती है। कोई जबरदस्ती उसे अपने साथ ले गया है। सफेद कार के बारे में मां ने कहा कि एक सफेद गाड़ी हमेशा हमारे मोहल्ले में आकर रुका करती थी। उसमें कौन होता था हम नहीं देख पाए, मगर बेवजह कभी पान के ठेले तो कभी किसी के घर के बाहर वो गाड़ी खड़ी हुआ करती थी, मेरी बेटी को वो सफेद गाड़ी वाला ही ले गया होगा।