रायपुरः नाबालिग पड़ोसी निकला बच्ची का किडनैपर और हत्यारा, मासूम का मर्डर करने के बाद घर के पास फेंकी थी लाश, सड्‌डू से लापता थी लड़की

मासूम का मर्डर करने के बाद घर के पास फेंकी थी लाश, सड्‌डू से लापता थी लड़की|रायपुर,Raipur - Dainik Bhaskar

रायपुर। रायपुर के सड्‌डू इलाके से गायब हुई बच्ची की 7 दिन बाद लाश मिली थी। इस कांड को अंजाम देने वाले का पता चल चुका है। रायपुर की पुलिस ने बच्ची के घर के पास ही रहने वाले नाबालिग को पकड़ा है। इसी ने इस कांड को अंजाम दिया।

हत्या के कारणों को लेकर पुलिस फिलहाल पूछताछ कर रही है। जल्द ही रायपुर के SSP प्रशांत अग्रवाल इसका खुलासा करेंगे। मामला विधानसभा थाना इलाके का है। सड्डू के BSUP कालोनी में रहने वाली 8 साल की दुर्गा यादव लापता हो गई थी। इसके बाद घर से 500 मीटर के दूरी पर बच्ची का शव मिला था।

झाड़ियों में फेंकी थी लाश 
7 दिसंबर की शाम से लापता बच्ची का शव सड्डू सेक्टर 8 के मकानों के पीछे झाड़ियों में मिला था। पुलिस ने बच्ची का शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार आरोपी की तलाश कर रही थी। जहां लाश मिली वहां रहने वाले लोगों को लाश की बदबू आ रही थी। जिसके बाद देखा गया कि कॉलोनी के पिछले हिस्से में झाड़ियों के पास शव है। स्थानीय लोगों ने विधानसभा पुलिस को सूचना दी। मंगलवार देर रात बच्ची का शव बरामद किया गया।

पिता पर था शक 
जिस जगह से बच्ची की लाश मिली वहां शव को कपड़े और थर्माकोल में लपेट कर फेंका गया था। शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चे की हत्या कहीं और की गई और फिर यहां लाकर लाश फेंकी गई है। बच्ची की लाश मिलने के बाद अब पुलिस ने उसके पिता राजू यादव को हिरासत में लिया था। मगर हत्यारा तो पड़ोसी ही निकला।

गृहमंत्री के थे खास निर्देश
गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने सड्डू बीएसयूपी कालोनी में अपने घर के सामने से खेलते-खेलते लापता हुई आठ साल की बच्ची के मामले में अफसरों से पूरी जानकारी ली और विशेष टीम बनाकर बच्ची दुर्गा यादव को जल्द तलाशने के निर्देश भी दिए थे।

मां को था किडनैप हो जाने का शक 
8 साल की दुर्गा की 3 बहनें और एक छोटा भाई है। बहनों के साथ दुर्गा खेल रही थी। मां ने बताया कि उसकी बड़ी बहनें कुछ खाने के लिए घर आईं। मैंने देखा एक सफेद कार के पास बेटी खड़ी थी। मैंने उसे आवाज दी कि वो इधर आ जाए, मगर वो खेलकर आउंगी कहने लगी। कुछ देर बाद जब मेरा ध्यान गया वो कार भी गायब थी और मेरी बेटी भी।

मां ने बताया कि हमने आस-पास खोजा, दूर दराज के गांव गए। रिश्तेदारों को फोन किया कहीं बच्ची का पता नहीं चला है। मेरी बेटी घर का पता जानती है, हमारा नाम भी जानती है। कोई जबरदस्ती उसे अपने साथ ले गया है। सफेद कार के बारे में अल्पना ने कहा कि एक सफेद गाड़ी हमेशा हमारे मोहल्ले में आकर रुका करती थी। उसमें कौन होता था हम नहीं देख पाए, मगर बेवजह कभी पान के ठेले तो कभी किसी के घर के बाहर वो गाड़ी खड़ी हुआ करती थी, मेरी बेटी को वो सफेद गाड़ी वाला ही ले गया होगा।