सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दो लाख के इनामी सहित दो नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष सरेंडर कर दिया। नक्सलियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों के लगातार दबाव व पूना नर्कोम अभियान से प्रभावित होकर बुधवार को नक्सल संगठन में डाक्टर इंचार्ज व दो लाख के इनामी नक्सली ने पुलिस के समक्ष भरमार बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया। सुकमा पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि गुरुवार को दो लाख के इनामी सहित दो नक्सलियों ने भरमार बंदूक के साथ आत्मसमर्पण किया। दोनों में से एक पीएलजीए में डाक्टर इंचार्ज के रूप में काम कर रहा था। इसके साथ ही एसपी सुनील शर्मा ने नक्सलियों से अपील की है कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े और विकास के भागीदार बने।
एसपी सुनील शर्मा ने कहा, अंदरूनी इलाकों में कैंप खुलने से नक्सली सरेंडर कर रहे हैं। उन्होंने अन्य से भी हिंसा का रास्ता छोड़ मुख्यधारा में जुड़कर क्षेत्र के विकास में भागीदारी निभाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिले के घोर नक्सल प्रभावित डब्बाकोंटा में कैंप स्थापित करने के बाद उस इलाके में नक्सल गतिविधियों में कमी आई है। शासन की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। इससे प्रभावित होकर नक्सल संगठन में पिछले कई सालों से कार्यरत व डाक्टर इंजार्च सरियम संदीप जिस पर दो लाख का इनाम भी घोषित था। करीब आधा दर्जन बड़ी मुठभेड़ों में शामिल रहा और 10 से ज्यादा बड़े नक्सलियों का इलाज करता था। वही उसके साथ पोड़ियम हिड़मा जो कि जनमिलिशिया सदस्य है और भरमार बंदूक लेकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। दोनो को प्रोत्साहन राशि दी गई और शासन की पुनर्वास नीति का लाभ दिया जाएगा।
मुठभेड़ के बाद भागे नक्सली, चार राइफल व अन्य सामग्री बरामद
वहीं दूसरी तरफ बीजापुर में पुलिस व सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम व नक्सलियों के बीच बुधवार को नेलाकांकेर के जंगलों में हुए मुठभेड़ के बाद नक्सली वहां से भाग खड़े हुए। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र की सर्चिंग के दौरान वहां से चार एसबीएमएल राइफल, पांच नग 12 बोर के जिंदा कारतूस, टिफिन बम, पटाखा, पिटठू व अन्य नक्सल सामग्री बरामद किया है।