नईदिल्ली I टी20 विश्व कप में एक बार फिर भारतीय टीम खाली हाथ रही. कप्तानी में बदलाव से लेकर ‘खेलने के तरीके’ में बदलाव के दावों के साथ टीम इंडिया इस विश्व कप में उतरी थी और उम्मीदें थीं कि इस बार खिताब का सूखा खत्म होगा. दुर्भाग्य से ये नहीं हुआ और सेमीफाइनल में उसे इंग्लैंड के हाथों हार का सामना करना पड़ा. जाहिर तौर पर टीम का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है और सबसे ज्यादा निशाने पर ओपनिंग जोड़ी है, जहां कप्तान रोहित शर्मा और केएल राहुल बुरी तरह नाकाम रहे. इस हार के बाद जो आंकड़े निकलकर सामने आ रहे हैं, वो इन दोनों के खराब प्रदर्शन की गवाही दे रहे हैं.
यूएई में पिछले साल हुए विश्व कप में भारतीय टीम रोहित और राहुल की ओपनिंग जोड़ी के साथ उतरी थी. उस विश्व कप में भी ये दोनों बड़े मैचों में नाकाम रहे थे लेकिन फिर बाकी तीन मैचों में जोरदार शुरुआत जरूर की थी. एक साल बाद दोनों फिर से ओपनिंग के लिए उतरे लेकिन इस बार तो बड़ी टीम हो या छोटी, सबके खिलाफ दोनों कोई भी बड़ी साझेदारी नहीं कर सके और बुरी तरह फ्लॉप रहे.
सबूत नंबर एक
सेमीफाइनल में जो हुआ, उससे पहले ही सुपर-12 राउंड के पांचों मैच में दोनों न तो तेज शुरुआत ही दिला पाए और न ही बड़ी साझेदारी कर पाए. आंकड़े बताते हैं कि दोनों ही बल्लेबाज इन 6 मैचों में एक भी अर्धशतकीय साझेदारी नहीं कर सके और हर बार भारत ने पावरप्ले में ही दोनों में से किसी एक का विकेट गंवाया. रोहित और राहुल की सर्वश्रेष्ठ साझेदारी 27 रन की थी, जो जिम्बाब्वे के खिलाफ थी.
सबूत नंबर दो
सिर्फ इतना ही नहीं, भारत की ओपनिंग जोड़ी सुपर-12 राउंड से लेकर सेमीफाइनल तक सभी 12 टीमों में सबसे खराब साबित हुई. रोहित और राहुल ने 6 मैचों में अपनी साझेदारी में कुल 106 गेंदों का सामना किया और इसमें दोनों मिलकर सिर्फ 88 रन ही बना सके. यानी 4.98 रन प्रति ओवर. सभी 12 टीमों में भारतीय जोड़ी आखिरी पायदान पर रही.
सबूत नंबर तीन
दोनों का प्रदर्शन कितना खराब और कितना गुजरे जमाने का था, इसका सबसे कड़वा प्रमाण एक ऐसा आंकड़ा है, जिससे कोई भी चौंक जाए. इसके मुताबिक, 2011 के वनडे विश्व कप में सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की ओपनिंग जोड़ी ने पावरप्ले में जिस रफ्तार से बैटिंग की थी, 11 साल बाद उसके आस-पास भी रोहित-राहुल नहीं पहुंच सके, जबकि दोनों टी20 फॉर्मेट खेल रहे थे. 2011 विश्व कप में वीरेंद्र सहवाग का पावरप्ले में स्ट्राइक रेट 115 का था, जबकि सचिन का 97. वहीं टी20 विश्व कप 2022 के पावरवप्ले में राहुल का स्ट्राइक रेट सिर्फ 89 का था, जबकि रोहित का थोड़ा बेहतर- 94. जाहिर तौर पर एक विश्व कप में भारत चैंपियन बना, जबकि दूसरे में सेमीफाइनल से बाहर हो गया.