नई दिल्ली। टी20 विश्व कप 2022 में भारतीय टीम को सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही टी20 विश्व कप में भारत का सफर खत्म हो गया। इस टूर्नामेंट में यह भारत की दूसरी हार थी। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका ने भारत को पांच विकेट से हराया था। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत की हार पर कोई बवाल नहीं हुआ था, लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम की जमकर आलोचना हो रही है।
अफ्रीका के खिलाफ मैच हारने के बावजूद भारत सेमीफाइनल की रेस में बना हुआ था, लेकिन सेमीफाइनल में इंग्लैंड से हारने के साथ ही टीम इंडिया विश्व कप से बाहर हो गई। बवाल की मुख्य वजह भारत की हार नहीं है, बल्कि भारत जिस तरीके से यह मैच हारा उस वजह से टीम इंडिया को आलोचना झेलनी पड़ी है।
पाकिस्तान को जीत दिलाने के बाद राहत की सांस लेते कप्तान बाबर और रिजवान। – फोटो : सोशल मीडिया
2021 में पाकिस्तान से इसी अंदाज में हारा था भारत
2021 टी20 विश्व कप में भारतीय टीम पाकिस्तान के खिलाफ इसी अंदाज में हारी थी। पाकिस्तान के बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान की सलामी जोड़ी ने लक्ष्य का पीछा कर लिया था और टीम इंडिया बिना लड़े ही यह मुकाबला हार गई थी। इस मैच में भारत के सलामी बल्लेबाज पूरी तरह से फ्लॉप रहे थे, जबकि पाकिस्तानी बल्लेबाजों ने इतिहास रच दिया था।
विश्व कप के बाद रोहित शर्मा भारत के कप्तान बने और उन्होंने स्वीकार किया कि टी20 में भारतीय टीम पुराने अंदाज में बल्लेबाजी करती है और इसमें बदलाव किया जाएगा। इसके बाद कप्तान रोहित ने खुद पावरप्ले में तेजी से रन बनाने की जिम्मेदारी उठाई। लगभग एक साल तक वह इसी अंदाज में खेले। तेजी से रन बनाने के चक्कर में रोहित अधिकतर मैचों में जल्दी आउट हुए, लेकिन पूरी टीम ने नए अंदाज में बल्लेबाजी जारी रखी। भारत भी इंग्लैंड की तरह खेलने लगा। विकेट गिरते थे, लेकिन रन गति नहीं रुकती थी। नए बल्लेबाज बड़े शॉट खेलने से नहीं डरते थे और इसका फायदा भी भारत को मिला।
रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया ने कोई सीरीज नहीं गंवाई। इस शानदार रिकॉर्ड के साथ, जब टीम इंडिया विश्व कप में पहुंची तो उम्मीद थी कि भारत अब हर हाल में चैंपियन बनेगा। अगर हार मिली तो करीबी हार होगी। सेमीफाइनल तक यही सिलसिला चलता रहा। भारत के सलामी बल्लेबाज जल्दी आउट होते थे, लेकिन मध्यक्रम में सूर्यकुमार, हार्दिक या कोहली तेजी से रन बनाकर मैच जिता रहे थे।
सेमीफाइनल में भी राहुल जल्दी आउट हो गए। इसके बाद कप्तान रोहित वह प्लान ही भूल गए, जिसके लिए उन्होंने साल भर तैयारी की थी। रोहित दबाव में आ गए और बहुत धीमी गति से रन बनाए। उन्होंने 28 गेंदों में 27 रन की पारी खेली। इस वजह से भारतीय पारी पूरी लय में नहीं आ सकी। जब ऋषभ पंत बल्लेबाजी के लिए आए तो 18 ओवर का खेल हो चुका था। उनके पास करने के लिए कुछ था ही नहीं। अक्षर को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला, जबकि उन्हें टीम में सिर्फ इसी वजह से रखा गया था कि वह बल्लेबाजी को मजबूती देते हैं।
इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में भारतीय टीम पुराने अंदाज में खेली और 168 रन ही बना पाई। मैच हारने के बाद कोच राहुल द्रविड़ ने भी स्वीकार किया कि भारत ने 15-20 रन कम बनाए थे। इसके लिए कप्तान रोहित की धीमी बल्लेबाजी ही जिम्मेदार थी। इसके बाद गेंदबाजों ने इंग्लैंड को 170 रन बनाने दिए और 16 ओवर में कोई विकेट नहीं ले पाए। 2021 विश्व कप के बाद गेंदबाजों में बदलाव हुआ था, लेकिन उनका रवैया और रणनीति समान थी। हकीकत यह है कि अधिकतर गेंदबाज वही थे, जिनके रहते भारत को पाकिस्तान के खिलाफ करारी हार झेलनी पड़ी थी।
हर्षल-चहल को नहीं खिलाया कोई मैच
हर्षल पटेल को आईपीएल के बाद भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वह लगभग एक साल तक भारत के लिए सभी टी20 मैच खेले। चोट की वजह से वह एशिया कप में नहीं थे, लेकिन फिट होने पर उनका खेलना तय था। हालांकि, विश्व कप में ऐसा नहीं हुआ। बुमराह के चोटिल होने पर शमी को टीम में शामिल किया गया और वह प्लेइंग-11 में भी आ गए। वहीं, पहले से टीम में शामिल हर्षल बेंच पर बैठे रहे। उन्हें एक मैच खेलने का मौका नहीं मिला। उनके अलावा युजवेन्द्र चहल भी भारतीय टीम का हिस्सा थे और देश के लिए कई मैच खेले थे। टी20 विश्व कप के शुरुआती मैचों में जब भारत के स्पिन गेंदबाज फेल रहे तो उम्मीद थी कि चहल को भी मौका मिलेगा, लेकिन वह कोई मैच नहीं खेले और भारत हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गया।
भुवनेश्वर कुमार को पिछले टी20 विश्व कप के बाद ट्रोल किया गया था और ऐसा माना जा रहा था कि उनका करियर खत्म हो चुका है, लेकिन इस विश्व कप में वह भी खेले और इंग्लैंड के खिलाफ जमकर रन लुटाए। भुवनेश्वर, शमी, अश्विन इन तीनों गेंदबाजों को पहले ही टी20 टीम में बाहर किया जा चुका था, लेकिन इनकी वापसी हुई और तीनों खिलाड़ी विश्व कप भी खेले। एक बार फिर तीनों भारत की हार की वजह बने।
इंग्लैंड के खिलाफ हार के बाद भारतीय टीम – फोटो : सोशल मीडिया
भारत के काम नहीं आया कोई संयोग
इस विश्व कप के दौरान जब भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंची तो कई तरह के संयोग सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बने। 2011 विश्व कप से 2022 विश्व कप की तुलना की गई। इसकी शुरुआत पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने की। उन्होंने ओरियो बिस्किट फिर से लॉन्च करते हुए कहा कि 2011 में यह बिस्किट लॉन्च हुआ था और भारत विश्व कप जीता था। अब ओरियो री लॉन्च हो रहा है और भारत फिर से विश्व कप जीतेगा।
इसके बाद आयरलैंड ने उलटफेर कर इंग्लैंड को हराया। भारत ग्रुप स्टेज में एकमात्र मैच दक्षिण अफ्रीका से हारा। इसके बाद जब टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंची। 2011 विश्व कप में भी ऐसा ही हुआ था। इसके बाद भारतीय फैंस ने कहा कि अब 2011 विश्व कप की तरह भारतीय टीम फिर से चैंपियन बनने वाली है। हालांकि, ऐसा हुआ नहीं। इंग्लैंड ने भारत को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई। अब पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खिताबी मुकाबला है।