छत्तीसगढ़ः जीएसटी ने फिर किया हलाकान, अब बिना बिल के नहीं दे पाएंगे 200 रुपए से ज्यादा का सामान, बिल में देनी होगी 11 तरह की जानकारी 

रायपुर। जीएसटी के नए नियम ने एक बार फिर कारोबारियों को हलाकान कर दिया है। नए नियम के अनुसार अब जीएसटी में कोई भी पंजीकृत व्यापारी 200 रुपए या उससे ज्यादा का सामान बिना बिल के नहीं बेच पाएगा। रजिस्टर्ड व्यापारियों के लिए मात्र 200 रुपए का भी सामान बेचने पर बिल देना अनिवार्य कर दिया गया है। इस बिल में 11 तरह की जानकारी देनी पड़ रही है। राज्य के बड़े व्यापारिक संगठनों ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ ही विभाग के आला अफसरों को इस नियम को बदलने के लिए ज्ञापन सौंप दिया गया है।

अब इस मामले में राज्यभर में विरोध-प्रदर्शन की भी तैयारी की जा रही है। जीएसटी के लगातार सख्त होते नियमों ने व्यापारियों को परेशान कर दिया है। छत्तीसगढ़ चैंबर, कैट और दूसरे व्यापारिक संगठनों का कहना है कि 200 रुपए बेहद कम रकम होती है। ऐसे में व्यापारियों को बार-बार बिल बनाना होगा। इससे उनका पेपर वर्क बढ़ेगा। बाद में जीएसटी रिटर्न फाइल करते समय इतने बिल को एक साथ रखना और उसकी जानकारी देना भी मुश्किल होगा।

इतना ही नहीं, नए नियम के अनुसार कोई व्यापारी 2.50 लाख से ज्यादा का स्टॉक इंटरस्टेट (एक राज्य से दूसरे राज्य) किसी व्यक्ति को बेचता है और यदि वह ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है तो उसे जीएसटी रिटर्न में भी इस बिक्री को अलग से दर्शाना होगा। छत्तीसगढ़ चैंबर के अध्यक्ष अमर परवानी के मुताबिक इस मुद्दे पर कई बार केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात की गई है।

लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है। 200 रुपए का बिल बनाने में जितनी जानकारी मांगी जा रही है उतना लाखों के बिल में भी नहीं होती है। इसलिए इस नियम में हर हाल में संशोधन होना चाहिए। अभी इस मुद्दे पर कई राज्यों में विरोध-प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं।

200 का ऐसा जीएसटी बिल
सीए एसोसिएशन के अनुसार 200 रुपए या उससे ज्यादा का सामान बेचने पर जो बिल दिया जाएगा उस पर सभी तरह की जानकारी दर्ज करना अनिवार्य होगा। जीएसटी बिल में बिल नंबर, बिल की तारीख, ग्राहक का नाम, बिलिंग का स्थान, बेचने वाले का जीएसटी नंबर, यदि ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड हो तो उसका एचएसएन कोड, माल का विवरण, कर योग्य राशि, जीएसटी टैक्स के रेट यानी जिस स्लैब में वह स्टॉक आता है, क्या जीएसटी रिवर्स चार्ज के आधार पर देय है और आखिर में व्यापारी के हस्ताक्षर होने जरूरी है।

बिल देना कब जरूरी, उससे संबंधित नियम

  • एक व्यापारी चिल्हर में 200 रु. से कम का सामान दिनभर में किसी ग्राहक को कई बार भी बेचता है, तो वह दिन भर का एक ही बिल बना सकता है। जैसे तीन ग्राहकों को 90, 130 और 190 का माल बेचता है तो एक ही बिल बनेगा।
  • लेकिन यदि किसी व्यापारी ने किसी ग्राहक को 200 या उससे ज्यादा की कीमत का सामान बेचा तो उसे उस ग्राहक का अलग से बिल बनाकर देना अनिवार्य होगा। चाहे वह ग्राहक जीएसटी में रजिस्टर्ड हो या न हो।
  • किसी व्यापारी ने किसी ग्राहक को 50 हजार से ज्यादा का माल बेचा और वह व्यक्ति जीएसटी में रजिस्टर्ड नहीं है, तो बिल में व्यक्ति का नाम, पता, राज्य का नाम, कोड और सामान कहां डिलीवर होगा यह सभी जानकारी बिल में देनी होगी।