कोयला परिवहन घोटाला: ईडी को मिले 100 करोड़ के अवैध लेन-देन के दस्तावेज 

रायपुर। कोयला परिवहन घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नेताओं, अफसरों और कारोबारियों के ठिकानों पर जांच के दौरान 100 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं। आइएएस समीर बिश्नोई के छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) कार्यालय में जांच के दौरान 100 से अधिक समीर के हस्ताक्षर वाले खाली चेक मिले हैं। यह चेक किसे देने के लिए रखे गए थे, इसकी जानकारी बिश्नोई ने ईडी को नहीं दी है।

पूछताछ के लिए ईडी ने कोर्ट में बिश्नोई सहित दोनों कारोबारियों सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी की छह दिन की रिमांड बढ़ाने का आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। बता दें कि ईडी ने 18 अक्टूबर से लगातार तीन दिन चिप्स कार्यालय में जांच की। समीर बिश्नोई चिप्स के सीईओ के पद पर पदस्थ थे।

ईडी की कार्रवाई के बाद सरकार ने समीर को सीईओ के पद से हटा दिया है। ईडी ने कोर्ट में बताया कि समीर के एक बैंक के खाते में बहुत बड़ी रकम जमा है। ईडी की पूछताछ में समीर ने उस रकम का स्रोत नहीं बताया है। ईडी की पूछताछ में समीर ने स्वीकार किया है कि वे एक कोयला कारोबारी को सरकारी दस्तावेज भेजते थे।

यही नहीं, कोयला कारोबारी को टेंडर की जानकारी और जीएसटी केस के बारे में भी जानकारी देते थे। कुछ समय के लिए समीर को सरकार ने जीएसटी कमिश्नर के पद पर पदस्थ किया था। ईडी ने कोर्ट में बताया कि कोयला परिवहन के नियम बदलने के लिए समीर ने किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति नहीं ली। समीर ने 15 जुलाई 2020 को कोयला परिवहन के बदले नियमों का नोटिफिकेशन जारी किया था।

सूर्यकांत की डायरी में समीर को एक करोड़ देने का उल्लेख

ईडी ने कोर्ट में बताया कि समीर ने कोयला के अवैध परिवहन से कारोबारी सूर्यकांत तिवारी से एक करोड़ रुपये लिए हैं। इसका उल्लेख सूर्यकांत के घर से मिली डायरी में है। ईडी को अब तक समीर बिश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और सूर्यकांत का रिश्तेदार लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से मिले इलेक्ट्रानिक डिवाइस का डाटा उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसके मिलने के बाद आगे की पूछताछ की जाएगी। बता दें कि इस मामले में दो और आइएएस जयप्रकाश मौर्या और रानू साहू के विरुद्ध जांच चल रही है। वहीं बिश्नोई के घर से चार किलो सोना, 20 कैरेट का हीरा और 47 लाख नकद मिले हैं।