रायपुर। छत्तीसगढ़ के सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े और भौगोलिक रूप से दुर्गम जिलों में उच्च शिक्षा पहुंचाने के लिए सरकार नया प्रयोग कर रही है। इसके लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी यानी PPP मॉडल से कॉलेज खोलने की योजना बनी है। इस योजना के तहत चुनिंदा क्षेत्रों में कॉलेज खोलने वाले निजी संस्था को सरकार दो करोड़ 50 लाख रुपए तक का अनुदान देगी। कर्ज पर आधा ब्याज भी भरेगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 17 अक्टूबर को हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में इस नये प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। इस नये प्रस्ताव के मुताबिक खोले जाने वाले कॉलेजों को दी जाने वाली निश्चित पूंजी निवेश पर अधिकतम सब्सिडी 2 करोड़ 50 लाख रुपए अति पिछड़ा क्षेत्रों के लिए और एक करोड़ 75 लाख रुपए पिछड़ा क्षेत्र के लिए दी जाएगी। इसी तरह सरकार कम से कम 10 एकड़ भूमि 30 वर्ष की लीज़ पर 50% की रियायती दर पर उपलब्ध कराएगी। इस भूमि का उपयोग अन्य प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है।
लीज की अवधि की समाप्ति होने पर दोनों पक्षों की सहमति से लीज की अवधि को बढ़ाया जा सकता है। यहीं नहीं कॉलेज के अधोसंरचना निर्माण के लिए लिये गये अधिकतम 500 करोड़ रुपये के ऋण पर ब्याज की राशि का 50% भुगतान सरकार की ओर से किया जाना है। सरकार कॉलेज की स्थापना व्यय का अधिकतम दो करोड़ रुपए का 20% पिछड़ा क्षेत्रों के लिए और 30% अति पिछड़ा क्षेत्रों में अनुदान के रूप में देगी। कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को सरकारी छात्रवृत्ति भी मिलेगी। लेकिन कॉलेज के समस्त शैक्षणिक स्टाफ एवं कर्मचारियों की वेतन व्यवस्था निजी संस्था को करनी होगी।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
गुणवत्ता प्रमाणित हुआ तो प्रोत्साहन अनुदान भी
योजना के तहत विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से गुणवत्ता रेटिंग संस्था राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद- NAAC की ओर से A++, A+ या A ग्रेड पाने वाले कॉलेजों को एक लाख 51 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि और प्रमाणपत्र दिया जाएगा। PPP मॉडल के तहत खोले जाने वाले कॉलेजों को NAAC/NIRF गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए लगने वाले शुल्क का 50% अथवा अधिकतम 3 लाख रुपए का वहन राज्य सरकार करेगी।
अभी निजी क्षेत्र के 12 कॉलेजों को ही शत प्रतिशत अनुदान
छत्तीसगढ़ में अभी तक मध्यप्रदेश अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम के तहत प्रदेश में कुल 12 निजी महाविद्यालयों को शत्-प्रतिशत् नियमित अनुदान के तहत संचालित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम, 2006 की नई व्यवस्था की गई।
2006 की व्यवस्था में चार कॉलेजों को 50% अनुदान
छत्तीसगढ़ अशासकीय महाविद्यालय और संस्था (स्थापना एवं विनियमन) अधिनियम के तहत अभी तक चार निजी कॉलेजों को 50% अनुदान दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त इस अधिनियम के तहत तीन वर्ष में एक बार अधिकतम पांच लाख रुपये तक का तदर्थ अनुदान दिया जा सकता है। इसमें भवन विस्तार, फर्नीचर, उपकरण खरीदी की जा सकती है। आवेदन के आधार पर अनुदान की स्वीकृति दी जाती है। यह अनुदान भी केवल उन्ही निजी कॉलेजों को दी जा सकती है जिनका संचालन कम से कम 10 वर्षों से हो रहा है।