रायपुर। छत्तीसगढ़ में गुरुवार से छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का रंगारंग आगाज हो गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के बलवीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में इसका औपचारिक उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने भंवरा (लट्टू) नचाया, बाटी (कंचा) खेला और पिट्ठुल में भी हाथ आजमाया। अगले तीन महीने तक छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्तरों पर ऐसे ही 14 खेलों की प्रतियोगिताएं चलेंगी।
समारोह का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, पहली बार छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। इसमें कबड्डी, खो-खो, लंगड़ी दौड़, फुगड़ी, गिल्ली-डंडा, बिल्लस और बाटी भी है। इसमें आकर्षक ईनाम भी घोषित होगा। गांव में हम लोग इसमें सभी प्रकार के खेल खेलते रहे हैं। उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खिलाड़ियों के बीच भी पहुंचे। उनका परिचय लेकर बेहतर खेल के लिए शुभकामना दी।
मुख्यमंत्री ने भंवरा चलाकर अपना हुनर दिखाया।
उन्होंने महिला कबड्डी के एक प्रदर्शन मैच का टॉस किया। कुछ देर तक वे उस मैच के लाइनमैन की भूमिका में भी रहे। बाद में उन्होंने फुगड़ी खेल की भी शुरुआत की। भंवरा के खिलाड़ियों बीच पहुंचकर उन्होंने भंवरा चलाया।
पिट्ठुल पर भी मुख्यमंत्री ने हाथ आजमाया।
बाद में उन्होंने पिट्ठुल में भी हाथ आजमाया। मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों से बातचीत कर उन्हें बेहतर खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों की यह सबसे बड़ी प्रतियोगिता होने जा रही है। यह प्रदेश की संस्कृति को भी संरक्षित करेगी। इससे पहले खिलाड़ियों ने मार्च पास्ट कर मंच को सलामी दी। इसमें विभिन्न आयु वर्ग के महिला-पुरुष वर्ग की स्थानीय टीमें शामिल थीं।
मार्चपास्ट करते छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक के प्रतिभागी।
उद्घाटन समारोह में कृषि, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविंद्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, खेल मंत्री उमेश पटेल, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया, विधायक सत्यनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय, कुलदीप जुनेजा, महापौर एजाज ढेबर आदि शामिल हुए।
खेल मंत्री बोले, आयोजन से गांव-गांव में उत्साह
खेल एवं युवा कल्याण मंत्री उमेश पटेल ने कहा, मुख्यमंत्री जी की सोच है कि छत्तीसगढ़ संस्कृति को आगे बढ़ाना है। ऐसा प्रयास अभी तक किसी ने नहीं किया, पहली बार ये प्रयास मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कर रहे हैं। छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक से गांव-गांव के लोग उत्साहित हैं। आज मुख्यमंत्री के प्रयासों से प्रत्येक छत्तीसगढ़िया खुद को गौरवान्वित महसूस करता है।
इनडोर स्टेडियम में इन खेलों का औपचारिक उद्घाटन हुआ है।
6 जनवरी तक चलनी है प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक की शुरूआत राजीव युवा मितान क्लब स्तर से शुरू होगी। इसके बाद जोन स्तर, फिर विकासखंड, नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। इस प्रतियोगिता में युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हो सकते हैं। यह प्रतियोगिता 6 अक्टूबर से प्रारंभ होकर 6 जनवरी 2023 तक होगी। पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्पर्धा के साथ ही टीम एवं एकल स्तर पर प्रतियोगिताएं होंगी।
दो श्रेणी में प्रतियोगिताएं
छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक में पारंपरिक खेल प्रतियोगिताएं दो श्रेणी में होंगी। इस प्रतियोगिता में जिन खेलों को शामिल किया गया है, उसमें दलीय श्रेणी यानी टीम इवेंट में गिल्ली डंडा, पिट्ठुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) जैसी खेल विधाएं हैं। वहीं एकल श्रेणी यानी सोलो इवेंट में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ एवं लम्बी कूद शामिल है।
उद्घाटन समारोह देखने के लिए बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे स्टेडियम पहुंचे थे।
ऐसी रहेगी खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन की तारीखें
सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर के आयोजन 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक होंगे। वहीं जोन स्तर के आयोजन 15 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक खेले जाएंगे। विकासखंड स्तर पर खेल 27 अक्टूबर से 10 नवम्बर तक होगा। जिला स्तर पर 17 नवम्बर से 26 नवम्बर तक प्रतियोगिताएं होंगी। संभाग स्तर पर आयोजन 5 दिसम्बर से 14 दिसम्बर के बीच होगा। वहीं राज्य स्तर पर छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक का अंतिम चरण 28 दिसम्बर से 6 जनवरी के बीच खेला जाएगा।
बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक ले सकेंगे हिस्सा
आयु वर्ग को तीन वर्गों में बांटा गया है। इसमें प्रथम वर्ग 18 वर्ष की आयु तक, फिर 18-40 वर्ष आयु सीमा तक, वहीं तीसरा वर्ग 40 वर्ष से अधिक उम्र के लिए है। इस प्रतियोगिता में महिला एवं पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी होंगे। सरकार का कहना है, छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक से प्रतिभागियों को एक और जहां मंच मिलेगा। वहीं उनमें खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और खेल भावना का विकास होगा।