बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मीसाबंदियो के पेंशन रोके जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से छत्तीसगढ़ शासन के पक्ष में फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है, जबकि इस फैसले से मीसाबंदियों को बड़ा झटका लगा है.
दरअसल, बिलासपुर हाई कोर्ट ने छत्तीसगढ़ शासन को मीसाबंदियों को पेंशन देने के लिए आदेश दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए शासन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. 2019 में शासन ने मीसाबंदियों की भौतिक सत्यापन और समीक्षा के लिए पेंशन पर लगाई गई थी. शासन द्वारा रोक लगाए जाने के बाद HC में याचिकाएं लगाई गई थी.
बता दें कि सरकारी की ओर से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि वर्ष 2008 में तात्कालिक छ.ग. शासन द्वारा लोकनायक जयप्रकाश नारायण ( मीसा / डी. आई.आर. / राजनैतिक या सामाजिक कारणों से निरूद्ध व्यक्ति) सम्मान निधि नियम 2008 बनाया गया, जिसके अधीन हितग्राहियों को मासिक पेंशन राशि देना निर्धारित किया गया था.
दिनांक 28/01/2019 को छ.ग. शासन द्वारा पेंशन / सम्मान निधि के भुगतान पर रोक लगाते हुए मीसा पेंशन नियम 2008 के परीक्षण एवं सत्यापन हेतु विचार में लिया गया. राज्य शासन के उक्त निर्णय के विरूद्ध मीसाबंदियों / हितग्राहियों ने छ.ग. उच्च न्यायालय बिलासपुर में याचिका प्रस्तुत की.
उक्त याचिका के लंबित रहने के दौरान दिनांक 23/01/2020 को राज्य शासन द्वारा अधिसूचना जारी कर मीसा सम्मान निधि / पेंशन नियम 2008 को निरसित कर दिया गया. इसके बाद उच्च न्यायालय द्वारा आदेश पारित कर मीसाबंदियों को फरवरी 2019 से 23 जनवरी 2020 तक की अंतर की राशि प्रदान करने कहा गया.
इसी बीच राज्य शासन द्वारा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी की गई, जिसके तहत अधिसूचना दिनांक 23/01/2020 को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सम्मान निधि नियम 2008 को पूर्ववर्ती तिथि जनवरी 2019 से निरस्त कर दिया गया.
एकल पीठ के उक्त आदेश को छ.ग. शासन द्वारा माननीय युगल पीठ के समक्ष चुनौती दी गई। इसी बीच अन्य हितग्राही द्वारा छ.ग. शासन द्वारा जारी अधिसूचना 23/01/2020 एवं 29/07/2020 को भी चुनौती दी गई. माननीय युगल पीठ द्वारा सभी अपील एवं याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिनांक 25/01/2022 को अंतिम आदेश पारित किया, जिसमें उपरोक्त दोनो अधिसूचनाओं को निरस्त कर आदेश दिया कि राज्य सरकार सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखें.
उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ के युगल पीठ के आदेश के विरूद्ध छ.ग. शासन ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील प्रस्तुत की, जिसमें आज दिनांक 30/09 / 2022 को सुनवाई पश्चात माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर द्वारा पारित मीसाबंदियों को सम्मान निधि की राशि का भुगतान जारी रखने के आदेश के क्रियान्वयन पर तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया.