सरगुजा। जिले के उदयपुर इलाके में कोल ब्लॉक को लेकर करीब सालभर से चल रहे विरोध के बीच स्थानीय विधायक और मंत्री टीएस सिंहदेव ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इलाके में प्रस्तावित दो नए खदानों को नहीं खोला जाएगा और इसके लिए खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सहमति दी है।
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि पूर्व में संचालित हो रही खदानों को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। जिला प्रशासन ग्रामीणों की सहमति से इसका विस्तार कर सकता है। दरअसल सरगुजा के उदयपुर इलाके में परसा ईस्ट केते ब्लॉक यानी पीईकेबी की खदान संचालित हो रही थी, जिससे राजस्थान विद्युत उत्पादन कंपनी को कोयले की आपूर्ति की जाती रही है। इसके साथ ही इस इलाके में परसा कोल ब्लॉक और केते एक्सटेंसन दो नए खदान खोले जाने को लेकर काम चल रहा था, जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे थे। मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी ग्रामीणों के साथ इस पर विरोध दर्ज कराया था।
ऐसे में पीईकेबी खदान के विस्तार के लिए कराए जा रहे काम पर भी इसका असर पड़ रहा था। इसमें भी ग्रामीणों के दो मत थे। कुछ ग्रामीण इसका समर्थन कर रहे थे, तो कुछ इसके विरोध में थे। अब टीएस सिंहदेव ने कहा है कि मुख्यमंत्री ने 2 नए खदानों को नहीं खोलने को लेकर सहमति दी है। हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि पूर्व में चल रहे खदान को लेकर जिला प्रशासन अपनी कार्रवाई कर सकता है, लेकिन उन्हें ग्रामीणों को अपने साथ लेकर चलना होगा।
ग्रामीण कर रहे थे खदान का विरोध
परसा कोल खनन परियोजना को लेकर करीब सालभर से गांववाले विरोध कर रहे हैं। इस दौरान प्रबंधन ने पुलिस-प्रशासन की मदद से उत्खनन का काम शुरू करने की कोशिश भी की, लेकिन आदिवासी समाज के विरोध के कारण ऐसा हो नहीं सका। ग्रामीणों के मुताबिक निजी क्षेत्र की इस कोल परियोजना के लिए प्रशासन ने फर्जी तरीके से ग्राम सभा की अनुमति प्राप्त की थी। गांव के लोग अपनी जमीन किसी भी हाल में कोल खदान के लिए देने को तैयार नहीं थे। उन्होंने कहा था कि वे जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं।
यहां तक कि ग्रामीणों ने इसके खिलाफ आंदोलन बहुत तेज कर दिया था। कई बार सार्वजनिक संपत्ति को भी आग के हवाले किया गया।