बिलासपुरः अब SECL कर्मचारी उतरे सड़क पर, दफ्तर बंद होने से नाराज, पुलिस से धक्का मुक्की; प्रदर्शनकारी बेरोजगार युवाओं पर दर्ज कराया जा रहा FIR 

बिलासपुर। बिलासपुर में SECL मुख्यालय के सामने अब कर्मचारियों ने हंगामा शुरू कर दिया है। कर्मचारी गुरुवार सुबह सड़क पर उतर आए और नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया। इसके चलते बिलासपुर सीपत रोड में वाहनों की लाइन लग गई है। कर्मचारी SECL से निकाले गए अप्रेंटिसशिप युवाओं के आंदोलन के चलते बुधवार से आफिस बंद होने से नाराज हैं। दूसरी ओर SECL प्रबंधन की तरफ से आंदोलनकारी युवाओं के खिलाफ पुलिस में केस दर्ज कराया जा रहा है।

अधिकारी और कर्मचारी गुरुवार सुबह दफ्तर पहुंचे तो फिर बंद मिला। इसके बाद उनका गुस्सा भड़क गया। कर्मचारियों ने मुख्यालय के सामने नारेबाजी करते हुए चक्काजाम कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कर्मचारियों को अंदर ऑफिस में ले जाने का प्रयास किया। इसे लेकर दोनों ओर से जमकर धक्का मुक्की हुई। इसके चलते SECL मुख्यालय की रेलिंग भी टूट गई।

पूरे दिन SECL ऑफिस में नहीं हुआ काम।

पूरे दिन SECL ऑफिस में नहीं हुआ काम।

दरअसल, अप्रेंटिस कर चुके बेरोजगार युवा पिछले 24 घंटे से SECL मुख्यालय का घेराव कर गेट के सामने धरने पर बैठे हैं। बुधवार सुबह 9 बजे से युवक-युवतियां और महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। बावजूद इसके प्रबंधन उनकी बातों को सुनने के लिए तैयार नहीं है। प्रदर्शन कर रहे युवकों ने बताया कि, SECL ने उन्हें ITI ट्रेनिंग के बाद अलग-अलग कॉलरी एरिया में अप्रेंटिसशिप रखा था। अप्रेंटिस पूरा होने के बाद अब उन्हें निकाल दिया गया है, जिसकी वजह से प्रशिक्षित युवा बेरोजगार हों गए हैं।

शुरूआत में उन्होंने मुख्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। फिर दो बार मुख्यालय का घेराव भी किया गया। उस समय प्रबंधन ने उन्हें आउटसोर्सिंग के पदों पर भर्ती करने का भरोसा दिलाया था और उन्हें सभी प्रशिक्षित बेरोजगारों के ट्रेडवार सूची देने के लिए कहा था। इसके बाद भी प्रबंधन की तरफ से कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। NSUI के बैनर तले उन्होंने मुख्यालय के गेट के सामने प्रदर्शन करते हुए हल्ला बोला और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान अधिकारी-कर्मचारियों को भी अंदर जाने से रोक दिया गया।

देर रात तक गेट के सामने डटे रहे आंदोलनकारी।

देर रात तक गेट के सामने डटे रहे आंदोलनकारी।

धरनास्थल पर ही लगा भंडारा

युवक-युवतियों के साथ महिलाएं मुख्यालय के गेट के सामने दरी बिछाकर बैठी रहीं। फिर रात में वहीं दरी बिछाकर सो गईं। नौकरी देने की मांग को लेकर उनका यह आंदोलन 83 दिनों से चल रहा है। बेरोजगार प्रदर्शनकारियों के लिए मुख्यालय के सामने ही भोजन के लिए भंडारे का भी इंतजाम किया गया है। इसके लिए उन्होंने आपस में चंदा भी किया है। रात में गेट के सामने ही उन्होंने भोजन किया और पूरी रात भी बिताई और सुबह होने का इंतजार करते रहे।

आंदोलनकारी बोले- अब होगी आर-पार की लड़ाई
प्रशिक्षित बेरोजगारों के इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऋषि पटेल ने कहा कि जब भी उन्होंने आंदोलन किया, हर बार SECL प्रबंधन उनको भरोसा देकर समय मांगता रहा है। लेकिन, इस बार उनका आंदोलन फैसले के बाद ही खत्म होगा। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ के साथ ही विभिन्न राज्यों से आए बेरोजगार अब अपनी मांग पूरी होने तक मुख्यालय के गेट को बंद रखने का फैसला लिया है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी, तब तक उनका यह प्रदर्शन जारी रहेगा।

आंदोलनकारियों ने बुधवार दोपहर में मुख्यालय के गेट के सामने जमकर मचाया हंगामा।

आंदोलनकारियों ने बुधवार दोपहर में मुख्यालय के गेट के सामने जमकर मचाया हंगामा।

पूरे दिन नहीं हुआ काम, प्रबंधन ने आंदोलन को बताया अवैध
प्रशिक्षित बेरोजगारों के इस इस आंदोलन की वजह से बुधवार को मुख्यालय से उद्योगों को दिए जाने वाले 50 हजार टन कोयले का ऑर्डर जारी नहीं हो सका। युवाओं के इस प्रदर्शन को SECL प्रबंधन ने अवैध बताया है और शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया है।

SECL प्रबंधन की ओर से जनसंपर्क अधिकारी सनिश चंद्रा ने कहा कि ऐप्रैंटिस कर चुके छात्रों की ओर से मुख्यालय के गेट पर कर्मियों को कार्य स्थल पर जाने से रोकना गैरकानूनी है। कोयला मंत्री संसद में स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी भी कोल कंपनी में अप्रेंटिस कर चुके छात्र को नियमित नहीं किया जा सकता। ऐसे में बिना कारण के हठधर्मिता दिखाना , सरकारी कामकाज में बाधा डालना , कर्मियों का समय नष्ट करना अनुचित है।