रायपुर। रायपुर में बुधवार सुबह से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। संघ की दशा और दिशा पर चिंतन के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत भी मंगलवार शाम रायपुर पहुंच गए थे। संघ के इस चिंतन शिविर में देश अलग-अलग कोनों से पड़े पदाधिकारियों के भी आने की सूचना है। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वह यहां संघ प्रमुख का स्वागत करते हैं। उन्हें हमारे बनाए गौठान भी देखने जाना चाहिए।
एयरपोर्ट के सामने बने मानस भवन में संघ की बैठक चल रही है। यह बैठक 7 से 9 सितंबर तक होगी।हर दिन संघ प्रमुख केंद्रीय टोली के पदाधिकारियों के साथ आगामी कार्ययोजना पर मंथन करेंगे। संघ के शिक्षा, सेवा के कामों पर चर्चा होगी। पर्यावरण संरक्षण भी बैठक में बड़ा विषय है। इसके प्रति जागरूकता के लिए भी रणनीति तैयार की जा रही है। संघ प्रमुख अलग-अलग मुद्दों पर भी संबंधित लोगों से बात कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री की संघ प्रमुख को सलाह
वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हम तो मोहन भागवत का स्वागत करते हैं। यहां आए हैं, बढ़िया है। मुझे पता चला कि वो यहां के व्यंजन चीला-फरा भी खा रहे हैं। अच्छा है छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आत्मसात करें। यहां भाई-चारा, शांति, प्रेम का माहौल है। ये प्रदेश कबीर, गुरू घासीदास और माता कौशल्या का प्रदेश है। यहां कौशल्या माता का मंदिर है, वहां जाकर दर्शन करें। गौ माता की बात करते हैं। हमने गौठान बनाया है, उसे देखने जाएं। स्वामी आत्मानंद स्कूल जाकर बच्चों से बात करें।
7 दिनों तक रायपुर में ही रहेंगे भागवत
यह पहला मौका है जब 7 दिनों तक रायपुर में रहकर ही मोहन भागवत देश में RSS की दशा, दिशा पर चिंतन करेंगे। सात से नौ सितंबर तक भागवत केंद्रीय टोली की आगामी कार्ययोजना तैयार करेंगे। संघ की पिछले वर्ष की गतिविधियों का जायजा लिया जाएगा। संघ के केंद्रीय पदाधिकारियों की बैठक में शामिल होने के लिए सर कार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले के साथ करीब 30 अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी यहां पहुंच गए हैं।
10, 11 और 12 सितंबर को अखिल भारतीय समन्वय समिति की बैठक होगी, जिसमें कुल 250 राष्ट्रीय पदाधिकारी शामिल होंगे। बीजेपी की ओर से सिर्फ राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन प्रमुख बीएल संतोष शामिल रहेंगे। 9 सितंबर को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रायपुर आएंगे। इस दिन भाजपा के पदाधिकारियों की बैठक लेकर वो संघ की बैठकों के लिए चले जाएंगे, तीन दिनों तक वो भी भागवत के साथ ही रहेंगे।