‘हल्ला बोल’ में छत्तीसगढ़ की आधी सरकार: मुख्यमंत्री बघेल ने रियायतों को रेवड़ी बताने पर बोला हमला, कहा-जनता के मुद्दों पर लड़ेगी कांग्रेस 

रायपुर।दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित कांग्रेस की महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रैली में छत्तीसगढ़ की आधी सरकार पहुंच गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने छह मंत्रियों के साथ रैली में शामिल हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सहित छह मंत्री इस प्रदर्शन में शामिल नहीं हैं। बताया जा रहा है कि इस रैली में छत्तीसगढ़ के चार हजार नेता-कार्यकर्ता पहुंचे हैं।

रैली में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, एक तरफ कांग्रेस पार्टी और उनके नेता जनता के मुद्दे पर लड़ाई लड़ रहे हैं। आज उन्होंने महंगाई के खिलाफ हल्ला बोला है। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि सत्ता में बैठे लोग महंगाई दूर करने का कोई उपाय नहीं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रियायतों को रेवड़ी बताने की भाजपा की कोशिशों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में किसानों की ऋण माफी होती है तो वे इसे रेवड़ी कहते हैं। अशोक गहलोत जी की सरकार गरीबों का 10 लाख रुपया तक का इलाज कराती है तो उसे रेवड़ी कह रहे हैं। हम लघु वनोपज खरीदते हैं तो वे उसे रेवड़ी कहते हैं। केंद्र में कांग्रेस सरकार ने 70 हजार करोड़ का ऋण माफ किया। मोदी सरकार उद्योगपतियों का ऋण माफ कर रही है। किसानों की सुविधा को रेवड़ी कहा जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, राहुल जी ने जब जब इस रामलीला मैदान से हल्ला बोला है। तब तक सत्ता में बैठे लोगों को मजबूर होकर झुकना पड़ा है। कृषि कानूनों के संदर्भ में भी राहुल जी ने कहा था कि सरकार को इन काले कानूनों को वापस लेना पड़ेगा। एक साल तक पूरा जोर लगाने के बाद भी सरकार को झुकना पड़ा और काले कानून वापस हुए। रैली को मुख्य रूप से राहुल गांधी ने संबोधित किया।

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी रैली के मंच पर प्रमुख नेताओं के साथ थे।

संसदीय सचिव विकास उपाध्याय भी रैली के मंच पर प्रमुख नेताओं के साथ थे।

शनिवार रात रवाना हुए थे मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार रात 9.30 की उड़ान से दिल्ली के लिए रवाना हुए। रात में उन्होंने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर रैली की तैयारियों का जायजा लिया। उसके बाद वे छत्तीसगढ़ सदन में रुके। सुबह वे गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, आबकारी मंत्री कवासी लखमा और महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया के साथ कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे। उनके साथ एआईसीसी सचिव और विधायक विकास उपाध्याय, मुख्यमंत्री के सलाहकार और एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल आदि नेता भी वहां पहुंचे थे। यहां से सभी नेताओं को बसों से रामलीला मैदान ले जाया गया है।

कांग्रेस मुख्यालय के सामने प्रदेश के कार्यकर्ताओं के साथ मोहन मरकाम।

कांग्रेस मुख्यालय के सामने प्रदेश के कार्यकर्ताओं के साथ मोहन मरकाम।

प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं के साथ मोर्चा संभाला

इधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के साथ भी पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं का एक दल पहुंचा। पार्टी ने शुक्रवार को ही करीब 2500 कार्यकर्ताओं से भरी एक विशेष ट्रेन को रायपुर से दिल्ली के लिए रवाना किया था। उसके अलावा वरिष्ठ पदाधिकारी और सक्षम कार्यकर्ता हवाई जहाज और दूसरी ट्रेन से भी दिल्ली पहुंचे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि प्रदेश से चार से साढ़े चार हजार लोग दिल्ली की हल्लाबोल रैली में पहुंचे हैं। इसमें मंत्री, सांसद, विधायक, प्रदेश पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हैं।

रामलीला मैदान में कुछ इस तरह जुटने लगी है भीड़।

रामलीला मैदान में कुछ इस तरह जुटने लगी है भीड़।

आवाजाही बढ़ने से बढ़ गया हवाई किराया

एयर ट्रांसपोर्ट सेक्टर से एक दिलचस्प सूचना आई है। बताया जा रहा है कि रायपुर-दिल्ली रूट पर पिछले दो दिनों की उड़ानें पूरी फुल हो गई थीं। शनिवार को रायपुर से दिल्ली जाने का टिकट 11 हजार 500 रुपए से 14 हजार 700 रुपए तक पहुंच गया। सामान्य दिनों में दिल्ली का किराया सात हजार से सात हजार 500 रुपए तक होता है। इस रूट पर अभी दिन भर में केवल 6 उड़ान उपलब्ध है। कहा जा रहा है कि यह उछाल कांग्रेस की रैली से बढ़ी आवाजाही के कारण हो सकती है।