Cervical Cancer Vaccine: कुछ माहों में बाजार में मिलेगी सर्वाइकल कैंसर रोधी वैक्सीन, जानें कीमत से लेकर सब कुछ 

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला

सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ पूनावाला

नई दिल्ली। सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई स्वदेशी वैक्सीन (HPV vaccine) अगले कुछ माहों में बाजार में आ जाएगी। सीरम के प्रमुख अदार पूनावाला ने इसकी कीमत समेत कई बातों को लेकर गुरुवार को कई अहम बातें कहीं। 
पूनावाला ने बताया कि वैक्सीन की कीमत उत्पादकों व भारत सरकार से चर्चा के बाद तय की जाएगी, लेकिन यह लगभग 200 से 400 रुपये के बीच होगी। गुरुवार को इस वैक्सीन की वैज्ञानिक पूर्णता के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल हुए। वैज्ञानिक पूर्णता से आशय यह है कि टीके से संबंधित शोध एवं विकास का काम पूरा गया है और टीके को जनता को उपलब्ध कराने का अगला चरण होगा।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत सर्वाइकल कैंसर के लिए स्वदेशी रूप से विकसित पहला टीका लेकर आया है। यह बीमारी कम उम्र की महिलाओं में प्रचलित है। यह वैक्सीन सस्ती होगी। देश के पहले क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (क्यूएचपीवी) को लेकर अदार पूनावाला ने कहा कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए यह देश में विकसित पहला टीका है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों को धन्यवाद, जिनके प्रयासों से देश में बचावकारी दवाओं व टीकों का विकास हो रहा है।  

नौ से 14 साल की लड़कियों को दिया जा सकता है टीका 
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव का यह टीका पहले नौ से 14 वर्ष की लड़कियों को दिया जा सकता है। इस टीके से जुड़ी जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, शुरुआत में ये टीके सिर्फ लड़कियों को दिए जाएंगे।  

अभी इस वैक्सीन की कीमत दो से तीन हजार रुपये प्रति खुराक
देश में इस समय एचपीवी के दो टीके मौजूद हैं, जिनका निर्माण विदेशी कंपनियों द्वारा किया जाता है। इनमें एक टीका गार्डसिल है जिसे मर्क तैयार करती है, जबकि दूसरी सर्वेरिक्स है, जिसे ग्लैक्सो स्मिथक्लाइन तैयार करती है। बाजार में एचपीवी वैक्सीन की कीमत लगभग 2,000 रुपये से 3,000 रुपये प्रति खुराक है। उम्मीद है कि सीरम के इस क्षेत्र में उतरने से कीमतें कम होंगी। सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान में इस टीके को शामिल करना, महिलाओं में सर्विकल कैंसर की समस्या को कम करने की दिशा में यह अहम कदम साबित हो सकता है। 

महिलाओं को होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर 
देश में महिलाओं को होने वाला सर्वाइकल कैंसर दूसरा सबसे आम कैंसर है। पहले नंबर पर ब्रेस्ट कैंसर है। एचपीवी सेंटर के ताज़ा एस्टिमेट के मुताबिक, भारत में हर साल एक लाख 23 हजार से ज्यादा महिलाएं इस कैंसर का शिकार होती हैं और 77 हजार से ज्यादा की मौत होती है। उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इस समय पूरे देश में लगभग पांच फीसदी महिलाएं इस बीमारी से जूझ रही हैं। उन्हें एचपीवी-16/18 संक्रमण होता है। वहीं करीब 83 फीसदी सर्विकल कैंसर में एचपीवी 16 या 18 का संक्रमण होता है। पूरी दुनिया में लगभग 70 फीसदी सर्विकल कैंसर के लिए एचपीवी 16 और 18 संक्रमण ही कारक बनता है।