बिलासपुर / रायपुर। छत्तीसगढ़ में करीब पांच लाख कर्मचारी पिछले चार दिन से DA और HRA की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं। वहीं, अब शुक्रवार को प्रदेश के 1 लाख 80 हजार संविदा कर्मचारियों ने भी एक दिवसीय हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को संघ के पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर बिलासपुर में CMHO से मिलकर हड़ताल पर जाने जानकारी दी है। संविदा कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही वैक्सीनेशन भी ठप रहेगा। दूसरे विभागों के काम-काज पर भी असर पड़ेगा।
सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने बताया कि आम जन ने भी उनके सत्याग्रह का समर्थन किया है। हम अपनी व्यथा उनके समक्ष रख रहे हैं और साथ ही उन्हें यह भी बता रहे हैं कि हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है कि आम जनता अपने सरकारी कामों को लेकर परेशान हो। हम अपना काम करते रहेंगे। लेकिन, अपने प्रतिरोध का स्वर भी उठाते रहेंगे। अपने साथ हो रहे सौतेले व्यवहार को सिर झुकाकर स्वीकार नहीं करेंगे। हम सरकार को बताते रहेंगे कि हम नियमित नहीं तो तुम भी नियमित नहीं।
उन्होंने बताया कि सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए हमारे सत्याग्रह का चौथा दिन था। शुक्रवार को सत्याग्रह का अंतिम दिन है और इस दिन पूरे प्रदेश के जिला मुख्यालयों में स्थानीय संविदाकर्मी एक दिन का अवकाश लेकर तिरंगा रैली निकालेंगे। इस दौरान स्थानीय प्रशासन, विधायकों और सांसदों को ज्ञापन सौंपा जाएगा। एक माह तक सरकार का रुख देखने के बाद प्रदेश भर के संविदाकर्मी अनिश्चितकालीन आंदोलन की राह पर मजबूर होंगे।
पिछले चार दिनों से तिरंगा लहराकर और तिरंगा पट्टी लगाकर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन कर रहे हैं।
सामूहिक अवकाश पर जाने दी सूचना
प्रदेश के साथ ही बिलासपुर के संविदा कर्मचारियों ने शुक्रवार को हड़ताल पर जाने के पहले गुरुवार को अपने-अपने विभाग के अधिकारियों को सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपा है। संविदा कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि एक दिवसीय हड़ताल कर शासन से नियमितीकरण की मांग की जाएगी। इसके बाद भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो प्रदेश भर के संविदा कर्मचारी सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन आंदोलन करेंगे।
पदाधिकारी बोले- सरकार ने ही दिलाया था नियमितीकरण का भरोसा
छत्तीसगढ़ NHMअधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्याम मोहन दुबे ने बताया कि संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा कर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई और बहुत से दूसरे वादों की तरह इसे भी भुला दिया गया। नियमितीकरण तो दूर संविदाकर्मियों के वेतन तक पिछले 3 साल में एक रुपए भी नहीं बढ़ाया गया है, जिससे संविदाकर्मी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं और आक्रोशित हैं। चूंकि नियमित कर्मचारी पहले से ही हड़ताल पर हैं और अभी सरकारी कामकाज पूरी तरह इन संविदाकर्मियों के भरोसे है। ऐसे में कल एक दिवसीय अवकाश के दौरान सरकारी कामकाज पूरी तरह से बंद रह सकता है।