रायपुर। छत्तीसगढ़ में कर्मचारी संगठनों की हड़ताल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दो टूक टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, कर्मचारियों की मांग पर उन्होंने महंगाई भत्ता बढ़ा दिया। पुरानी पेंशन योजना लागू की, सप्ताह में पांच दिन ही काम की छूट दी, कर्मचारियों के हित में लगातार फैसले कर रहे हैं। इतना करने के बाद भी कोई हड़ताल करना चाहे तो उसकी इच्छा है। इसके बाद शासन अपना काम करेगा।
रायपुर हवाई अड्डे पर प्रेस से चर्चा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, कर्मचारियों से बातचीत के बाद ही 6% महंगाई भत्ता बढ़ाया गया। आधे संगठनों ने इसका स्वागत किया है। दूसरे संगठन के लोग भी मुझसे मिलने आए थे। उनका कहना था कि एक परसेंट और बढ़ा दीजिए। अरे यह सौदेबाजी थोड़े हो रही है। अर्थव्यवस्था को देखते हुए हमने बढ़ाया है। पुरानी पेंशन योजना भी हमने लागू की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, जितनी सरकारी योजनाएं हैं, उसका भी लाभ कर्मचारियों को मिल ही रहा है। भाजपा के शासन में कई योजनाओं से कर्मचारियों को वंचित कर देते थे। हमारी योजनाओं में तो सरकारी कर्मचारी को बिजली बिल हाफ का भी लाभ मिल रहा है। राशन दे रहे हैं। अभी जो धान खरीदी हो रही है तो किसान परिवार से जुड़े कर्मचारियों को भी लाभ मिल रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने हड़ताल को ठहराया जायज
इधर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कर्मचारियों के आंदोलन को जायज ठहराया है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में जिनके पास रोजगार है वह भी दुखी हैं, जो बेरोजगार हैं वह भी दुखी हैं। कर्मचारी अपने DA की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं जो की जायज है। कहा कि केंद्र सरकार जब 34% DA दे रही है तो राज्य सरकार क्यों उसमें कटौती कर रही है। मध्य प्रदेश में 34% DA हो गया है। छत्तीसगढ़ में कर्मचारियों की मांग का आधा ही दिया गया है।
कर्मचारियों की हड़ताल शुरू
महंगाई भत्ता-DA और गृह भाड़ा भत्ता-HRA बढ़ाने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के कर्मचारी संगठनों ने सोमवार को अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। दावा है कि इस हड़ताल में 96 कर्मचारी-अधिकारी संगठन शामिल हो रहे हैं। कर्मचारी संगठन सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों पर धरना भी शुरू कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से अगले कुछ दिनों तक स्कूलों में पढ़ाई, न्यायिक प्रक्रिया, राजस्व मामलों के निपटारे से लेकर सामान्य सरकारी कामकाज के भी ठप्प हो जाने का खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों ने 25 से 29 जुलाई के बीच भी एक हड़ताल की थी। उसके बाद सचिव स्तर की बातचीत के बाद 6% महंगाई भत्ता बढ़ाने का आदेश जारी हुआ। अधिकांश कर्मचारी संगठनों ने इसे नामंजूर कर दिया।