नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया कल यानी 21 अगस्त से शुरू हो जाएगी। इसे 20 सितंबर तक पूरा होना है। गांधी परिवार से ही अगला अध्यक्ष होने के सबसे ज्यादा आसार जताए जा रहे हैं।हालाँकि, कांग्रेस के अलग-अलग धड़ों की पसंद अलग-अलग है। कोई राहुल गांधी को अध्यक्ष पद पर देखना चाहता है तो कोई सोनिया या प्रियंका गांधी को। एक गुट ऐसा भी है जो चाहता है कि नया अध्यक्ष गांधी परिवार से हटकर हो।
ऐसी स्थिति में सोनिया और राहुल गांधी ये तय नहीं कर पा रहे कि वो क्या करें? अगर गांधी परिवार से हटकर अध्यक्ष चुना जाता है तो दावेदार कौन है? कांग्रेस अध्यक्ष का चयन नहीं हो पाने की वजह क्या है? आइए जानते हैं….।
गांधी परिवार से बाहर इन नामों पर चर्चा
1. अशोक गहलोत: गांधी परिवार के करीबी हैं। गहलोत को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने लगा सकती है। गहलोत नाराज न हों, इसलिए उन्हें पार्टी की सबसे बड़ी पोस्ट मिल जाएगी और राजस्थान हाथ से न जाए इसके लिए सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। राजस्थान में अगले साल ही चुनाव होने हैं। मौजूदा समय राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार एक के बाद एक कई विवादों में फंसती नजर आ रही है। ऐसे में सचिन पायलट को कमान देने से कांग्रेस में नई ऊर्जा आ सकती है। हालांकि, गहलोत लगातार अध्यक्ष बनने से इंकार करते रहे हैं।
2. मल्लिकार्जुन खड़गे: राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी गांधी परिवार के करीबी हैं। मल्लिकार्जुन कर्नाटक से आते हैं। अगले साल कर्नाटक में भी चुनाव होने हैं। मल्लिकार्जुन को कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर गांधी परिवार दक्षिण के राज्यों पर फोकस कर सकती है।
3. भूपेश बघेल: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस वक्त सबसे सक्रिय कांग्रेस नेताओं में हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान भी बघेल बहुत सक्रिय थे। प्रियंका गांधी के साथ उन्होंने जमकर प्रचार किया था। राहुल गांधी और सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के दौरान भी दिल्ली में सबसे सक्रिय कांग्रेस नेताओं में बघेल भी शामिल थे। गांधी परिवार से करीबी भी उनके पक्ष में जा सकती है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में बघेल और टीएस सिंहदेव के बीच जारी खींचतान का भी हल पार्टी को इससे मिल सकता है।
4. कुमारी सैलजा : हरियाणा से आने वाली कुमारी सैलजा के जरिए पार्टी महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश कर सकती है। सैलजा हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 2024 में हरियाणा में भी चुनाव होने हैं। सैलजा के बहाने कांग्रेस हरियाणा में भी अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर सकती है।
5. मुकुल वासनिक: कांग्रेस के विद्रोही गुट जी-23 की ओर से अध्यक्ष पद के लिए वासनिक का नाम पहले भी सुझाया जा चुका है। मुकुल अभी राज्यसभा के सांसद हैं और पार्टी के महासचिव भी। मुकुल महाराष्ट्र से आते हैं और राजस्थान से राज्यसभा के सांसद निर्वाचित हुए हैं। मुकुल को अध्यक्ष बनाकर कांग्रेस राजस्थान और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में अपनी जड़ें मजबूत करने का काम कर सकती है।
आखिर क्यों तय नहीं हो पा रहा नया अध्यक्ष
ये समझने के लिए वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से बात की गई। उन्होंने कहा, ‘ पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने के लिए दो मांग उठ रही है। पहला ये कि कांग्रेस अध्यक्ष गांधी परिवार से ही कोई हो और दूसरा ये कि कोई बाहरी कमान संभाले।’ प्रमोद आगे कहते हैं, ‘दोनों ही परिस्थिति में कांग्रेस के सामने दो बड़ी मुश्किलें खड़ी हो रहीं हैं। इन्हीं के चलते कांग्रेस अध्यक्ष तय नहीं हो पा रहा है।’
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर
1. गांधी परिवार से कम होता भरोसा : भाजपा समेत कई विपक्षी दल भी कांग्रेस नेतृत्व को लेकर तंज कसते रहे हैं। कांग्रेस के अंदर भी कई बड़े दिग्गज नेता हैं, जो गांधी परिवार से इतर कांग्रेस अध्यक्ष को देखना चाहते हैं। विरोध करने वालों को कहना है कि पार्टी केवल पारिवारिक पार्टी बनकर रह गई है। सोनिया गांधी लगातार अस्वस्थ्य रहती हैं। इसलिए राजनीति में वह ज्यादा समय नहीं दे पाती हैं। अब बचे राहुल और प्रियंका। प्रियंका को फुल टाइम राजनीति में गांधी परिवार नहीं उतारना चाहता है और राहुल गांधी के नेतृत्व पर पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता नाखुश हैं। विपक्षी दल भी उनके नेतृत्व में चुनाव में नहीं उतरना चाहते हैं।
2. गांधी परिवार से इतर अध्यक्ष बनाने पर फूट की आशंका: राहुल और सोनिया कई बार कह चुके हैं कि गांधी परिवार से अब कोई अध्यक्ष नहीं बनेगा। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हैं, जो चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से कमान संभाले लेकिन वह इसे लेकर अनिच्छा जताते रहे हैं। गांधी परिवार अब किसी अपने करीबी नेता को पार्टी की कमान सौंपने की तैयारी में है। हालांकि, ऐसी स्थिति में पार्टी में गुटबाजी बढ़ने का डर है। कई नेता तो खुद को अध्यक्ष पद का दावेदार भी मानते हैं। हालांकि, खुलकर नहीं कहते। ऐसे में गांधी परिवार को डर है कि किसी बाहरी को अध्यक्ष पद की कमान देने पर कहीं पार्टी में फूट न पड़ जाए। इसलिए इस मामले में गांधी परिवार बहुत संभलकर चलने की कोशिश कर रहा है।
ऐसा भी हो सकता है
आने वाले दो वर्षों में कई राज्यों और फिर लोकसभा का चुनाव हैं। ऐसे में पार्टी के अंदर फूट पड़ने से रोकने के लिए कांग्रेस नया दांव चल सकती है। वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह कहते हैं, ‘ऐसा संभव है कि सोनिया गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बने रहने दिया जाए। इसके साथ तीन से पांच अन्य कार्यकारी अध्यक्ष बना दिए जाएं। इससे पार्टी में पड़ने वाली फूट को रोका भी जा सकेगा और गांधी परिवार पर खड़े होने वाले सवाल को भी कुछ हद तक काउंटर किया जा सकेगा।’
केसी वेणुगोपाल, मीरा कुमार, राजीव शुक्ला जैसे नेताओं की भी खूब चर्चा हो रही है। ये ऐसे नेता हैं, जिनका कांग्रेस का कोई गुट विरोध नहीं करेगा। ऐसे में इन नेताओं में से किसी एक पर भी कांग्रेस हाईकमान दांव लगा सकती है।