रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा विधायक दल ने चुनाव में उतरने से एक साल पहले अपना नेता बदल दिया है। अब नारायण चंदेल नेता प्रतिपक्ष हैं। इस फैसले से भाजपा कार्यकर्ताओं का बड़ा वर्ग खुश है। इस बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने बहुत डिप्लोमैटिक प्रतिक्रिया दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, नारायण चंदेल से बहुत सारे योग्य लोग भाजपा में मौजूद हैं। जो यह पद संभाल सकते हैं।
भाजपा में बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, चंदेल जी को बधाई-शुभकामना। उम्मीद करता हूं कि सकारात्मक विपक्ष की भूमिका वे निभाएंगे। हालांकि उनसे बहुत सारे योग्य और भी लोग पार्टी में हैं। वह बृजमोहन जी हों, अजय जी हों, शिवरतन शर्मा हों, अनेक ऐसे नाम हैं जो उस पद को धारण कर सकते थे। यह उनकी पार्टी का फैसला है।
विधायकों से रायशुमारी नहीं हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि वहां कोई विधायकों से रायशुमारी नहीं हुई है, बल्कि दिल्ली से पर्ची आई जिसे सुनाया गया है। प्रदेश अध्यक्ष के बाद नेता प्रतिपक्ष को बदले जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, इसका मतलब है कि भाजपा नेतृत्व को इससे पहले जो टीम थी उस पर भरोसा नहीं है।
चेहरा बदलकर, चरित्र नहीं बदला जा सकता
इधर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, भाजपा मुगालते में है कि वह नेतृत्व में बदलाव कर छत्तीसगढ़ में जनता का खोया भरोसा फिर से जीत लेगी। चेहरा बदलकर चरित्र नहीं बदला जा सकता। कहा, प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय के बाद नेता प्रतिपक्ष धर्मलाल कौशिक को पद से हटा कर भाजपा खुद को रमन सिंह के साए से दूर होने का दिखावा कर रही है।
भाजपा नेतृत्व को लगता है कि वह रमन सिंह गुट के लोगों को दरकिनार कर के 15 साल के भाजपा के कुशासन से जनता का ध्यान हटा लेंगे। भाजपा नेतृत्व भुलावे में हैं। ताश के 52 पत्ते होते है भाजपा का 52 का 52 पत्ता दागदार है। भाजपा में ऐसा एक भी नेता नहीं है जिसके ऊपर भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी का दाग न लगा हो। भाजपा किसी भी नेता को सामने लाये कोई फर्क नहीं पड़ने वाला।
मरकाम ने उछाला ननकीराम का नाम
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, भाजपा ने आदिवासी वर्ग से आए विष्णुदेव साय को अध्यक्ष पद से हटाया था। उम्मीद यह थी कि नेता प्रतिपक्ष की जवाबदारी किसी आदिवासी नेता को ही दी जायेगी। भाजपा के पास आदिवासी समाज से वरिष्ठ और समर्थ विधायक के रूप में ननकी राम कंवर हैं। इसके बाद भी उनके नाम पर विचार तक नहीं किया गया। इसका मतलब है कि भाजपा नेतृत्व की मानसिकता आदिवासी विरोधी है।
कौशिक पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा, धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारियों को कम डॉ. रमन सिंह के सिपहसालार होने की जिम्मेदारी को ज्यादा निभाते थे। राज्य सरकार ने 36 हजार करोड़ के नान घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। धरमलाल कौशिक ने न्यायालय में याचिका लगाकर भ्रष्टाचारियों को बचाने की कोशिश की। झीरम घाटी कांड के न्यायिक जांच आयोग के कार्यकाल को बढ़ाया गया तो जांच को रुकवाने के लिए धरमलाल कौशिक न्यायालय गए। वे झीरम घाटी कांड के षड्यंत्रकारियों को अप्रत्यक्ष रूप से बचाने का काम किए। मरकाम ने कहा, भाजपा को भी यह बताना चाहिए कि कौशिक को क्यों हटाया गया।