दुर्ग। इनकम टैक्स रिटर्न जमा करने के दौरान टैक्स में छूट के लिए गलत जानकारी देना भारी पड़ गया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग-भिलाई में ऐसे लोगों को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने नोटिस भेजा है। नोटिस मिलने के बाद कार्रवाई से बचने के लिए ये लोग CA के चक्कर काट रहे हैं। विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक ट्विनसिटी में अब तक 1250 लोगों को नोटिस भेजा जा चुका है। इन लोगों ने छूट पाने के लिए मेडिकल ग्राउंड तो दिखाया, लेकिन दस्तावेज जमा नहीं किए।
आयकर विभाग के मुताबिक, कई लोगों ने खुद को कैंसर का मरीज बताया, किसी ने बताया कि हार्ट अटैक आने और किडनी फेल होने से इलाज में काफी पैसा खर्च हो गया। अब विभाग ने ऐसे लोगों को नोटिस जारी कर इलाज में हुए खर्च का ब्यौरा, बिल, मेडिकल प्रिस्क्रिप्शन पर्ची और दवाइयों के नाम आदि की जानकारी मांगी है। कई लोगों ने अपना ई-मेल आईडी और फोन नंबर तक गलत दर्शा दिया है।
HRA बचाने पत्नी व पिता से कर रहे रेंट एग्रीमेंट
आयकर विभाग हाउस रेंट अलाउंस में भी टैक्स की छूट देता है। ऐसे में HRA बचाने के लिए कई बीएसपी कर्मचारियों समेत टाउनशिप और पटरीपार रहने वाले लोगों ने विभाग को किराए में रहने की जानकारी दी है। इतना ही नहीं उन्होंने अपने पिता, पत्नी व भाई से रेंट एग्रीमेंट करके उन्हें किराया देना दिखाया है। ऐसे में विभाग किरायेदार और मालिक दोनों को नोटिस जारी कर रहा है। विभाग ऐसे वेतनभोगी और छोटे व्यापारियों को नोटिस भेज रहा है, जिन्होंने धारा 80 के अंतर्गत छूट ली है।
एलआईसी के तहत छूट लेने वालों, घर के लोन पर ब्याज की छूट, किराए की छूट, मेडिकल ख़र्च की छूट लेने वाले करदाताओं को चिह्नित कर नोटिस भेजा जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में तीन हजार से अधिक लोगों को नोटिस आयकर विभाग जारी कर सकता है। ऐसे करदाताओं को आयकर विभाग का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर ईमेल नोटिस के माध्यम से अलर्ट कर रहा है।
रिटर्न में क्लेम डिडक्शन का सत्यापन कर लें : सीए पीयूष जैन
सीए पीयूष जैन ने कहा कि ऐसे करदाता जिन्हें इस प्रकार के नोटिस आ रहे हैं, उन्हें सबसे पहले अपने द्वारा क्लेम किए गए सभी निवेशों के साक्ष्य जुटाकर रखना चाहिए। AIS की जानकारी अपने रिटर्न से मिलान कर लेना चाहिए। जिन्होंने एरियर का रिलीफ लिया है, वो स्वयं अपने पूर्व में दाखिल रिटर्न से रिलीफ की गणना कर ले और नियोक्ता द्वारा दिये गए फॉर्म से मिलान करें।
विभाग द्वारा जवाब के लिए करदाता को नोटिस जारी होने से 15 दिन का समय है। छूट से संबंधित साक्ष्य करदाता के पास नहीं है, तो भी रिटर्न को रिवाइज करना बेहतर होगा अन्यथा असेसमेंट में एडिशन होने पर अतिरिक्त ब्याज और 300% तक पेनाल्टी लग सकती है। नोटिस आते ही या गलती की जानकारी होते ही तुरंत रिटर्न को रिवाइज कर पेनाल्टी से बचा जा सकता है।