आरोपी देवेंद्र
रायपुर। एक युवक ने अपने पिता का खून कर दिया। बुधवार को वारदात को अंजाम देने के बाद कुछ देर लाश के पास बैठा रहा। इसके बाद रिश्तेदारों को पिता की मौत की झूठी कहानी सुना दी। पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तब जाकर युवक ने अपना गुनाह कबूलते हुए कहा कि, हां मैंने ही अपने पिता को मारा।
यह वारदात नरदहा इलाके की है। अशोक वर्मा (50) बीते चार-पांच सालों से मानसिक रूप से बीमार चल रहे थे। अक्सर घरवालों से उनकी बहस हो जाया करती थी। 21 साल का बेटा देवेंद्र वर्मा भी अपने पिता से अक्सर झगड़ा करता था। बार-बार पिता की अजीब बातें उसे पसंद नहीं आती थीं।
पहले ही दिमागी रूप से परेशान चल रहे पिता ने बेटे को फिर से जली कटी बातें सुना दीं। देवेंद्र को यह बात पसंद नहीं आई। उसने पिता के साथ बहस बाजी शुरू कर दी, इस कदर अपना आपा खो दिया कि पिता को धक्का दे दिया । पिता ने विरोध करना चाहा तो पास रखी टांगिया उठाकर अपने पिता के सिर पर एक के बाद एक कई वार कर दिए।
बेरहमी से उसे मारा जिसने जन्म दिया
हत्याकांड की जांच कर रही टीम ने बताया, टंगिया से पहला वार करने के बाद अशोक के सिर से निकला खून बिस्तर पर छटक पड़ा। युवक नहीं रुका उसने ताबड़तोड़ कई बार अपने पिता के सिर पर टंगिया से किए । चेहरे पर इतने जख्म हुए की होठ कटकर अलग हो गया, नाक टूट गई , एक आंख भी फूट गई । सिर का आधा हिस्सा बुरी तरह से कट गया और पूरे बिस्तर पर खून बिखर गया। फॉरेंसिक टीम बारीकी से हमले से जुड़े सबूत जुटा रही है।
पिता को यूं मारा
पिता को मारकर चाचा को किया कॉल
पिता की हत्या कर देने के बाद देवेंद्र ने अपने चाचा ईश्वर वर्मा को कॉल किया। उसने कहा कि पिता की मौत हो गई है, जब ईश्वर वर्मा घर पहुंचे तो देवेंद्र ने कहानी सुना दी कि घर पर पिता अकेले थे बाहर से कोई व्यक्ति आया और धारदार हथियार से पिता पर हमला करके भाग गया ।
यही जानकारी पुलिस को भी दी गई । मगर देवेंद्र की कहानी पुलिस के गले नहीं उतरी, पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो देवेंद्र ने कबूला कि उसने ही अपने पिता पर हमला किया था। देवेंद्र ने बताया कि वह अपने पिता की बातचीत से परेशान रहता था। इसी वजह से आवेश में आकर अपने पिता की जान ले ली।