सुकमा। सुकमा जिले में नक्सलियों के शहीदी सप्ताह के दौरान सुरक्षाबलों ने 8 लाख रुपए के इनामी हार्डकोर माओवादी को एनकाउंटर में ढेर किया है। मारे गए माओवादी का नाम हड़मा उर्फ सनकु है, जो DVCM (डिवीजनल कमेटी मेंबर) का था। हड़मा, बस्तर में अलग-अलग घटनाओं को अंजाम देकर करीब 100 से ज्यादा जवानों की शहादत का जिम्मेदार था। एनकाउंटर के बाद सर्चिंग के दौरान घटना स्थल से जवानों ने 2 भरमार बंदूक समेत भारी मात्रा में विस्फोटक सामान भी बरामद किया है। मामला जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, सुकमा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि भंडारपदर के जंगल में करीब 40 से 50 की संख्या में हथियारबंद माओवादी उपस्थित हैं। मुखबिर की इसी सूचना के आधार पर 31 जुलाई की रात DRG के जवानों को ऑपरेशन के लिए निकाला गया था। 1 अगस्त की सुबह जब जवान मौके पर पहुंचे तो यहां पहले से ही घात लगाए बैठे माओवादियों ने जवानों पर फायर करना शुरू कर दिया। जिसके बाद जवानों ने भी मोर्चा संभाल लिया और नक्सलियों की गोलियों का जवाब दिया। ये इलाका नक्सलियों का कोर इलाका माना जाता है।
मौके से बरामद सामान।
दोनों तरफ से करीब 2 घंटे तक गोलीबारी चलती रही। जवानों को भारी पड़ता देख माओवादी जंगल की आड़ में भाग गए। जब फायरिंग रुकी तो इलाके की सर्चिंग की गई। जिसमें एक माओवादी का शव बरामद किया गया। साथ ही घटना स्थल से 2 भरमार बंदूक, पिस्टल, SLR का जिंदा राउंड, जिलेटिन वायर, इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर, कॉर्डेक्स वायर, नक्सल साहित्य, दवाइयां, बर्तन समेत भारी मात्रा में सामान बरामद किया गया है। सुकमा के SP सुनील शर्मा ने बताया कि, माओवादी सुकमा और नारायणपुर जिले में कई मुठभेड़ों में शामिल रहा है।
2003 में हुआ था नक्सल संगठन में भर्ती
- साल 2003 में माओवाद संगठन में भर्ती हुआ और साल 2006 तक DVCM विजय के साथ काम किया।
- साल 2006 से 2009 तक कंपनी नंबर 3 में ACM के पद पर कार्य किया।
- साल 2009 से 2015 तक दक्षिण बस्तर बटालियन नंबर 1 में प्लाटून 1 का कमांडर और कंपनी 1 का डिप्टी कमांडर बनकर काम किया।
- साल 2016 में बस्तर डिवीजन कंपनी नंबर 6 का कमांडर बना।
- साल 2016 से अब तक माड़ डिवीजन DVCM के पद पर सक्रिय था।
इन बड़ी घटनाओं में था शामिल
- साल 2007 में एर्राबोर इलाके में सर्चिंग पर निकले जवानों पर फायरिंग करने की घटना में शामिल था। इस घटना में करीब 24 जवान शहीद हुए थे।
- साल 2007 में ही तारलागुड़ा इलाके में सर्चिंग पर निकले जवानों पर फायरिंग करने की घटना में शामिल था। इस घटना में कुल 12 जवान शहीद हुए थे।
- साल 2009 में चिंतागुफा इलाके में CRPF पार्टी पर हमला किया था, इस हमले में 10 जवान शहीद और 16 जवान घायल हुए थे।
- साल 2009 में ही इंजरम इलाके में ट्रैक्टर को IED ब्लास्ट कर उड़ाने की घटना में शामिल था। इसमें ट्रैक्टर में सवार 7 जवानों समेत 4 ग्रामीणों की मौत हुई थी।
- साल 2021 में जगरगुंडा में घात लगाकर जवानों पर हमला किया था, इस घटना में 12 जवानों की शहादत हुई थी।