15 दिन में कोरोना मरीज 5 गुना बढ़े, न जांच बढ़ी न अस्पताल भरे; सिर्फ आंकड़े दे रहे नई लहर का संकेत

Corona patients increased 5 times in 15 days only the figures are indicating a new wave News In Hindi

नई दिल्ली। देश में कोरोना की नई लहर का दावा सिर्फ आंकड़ों की आड़ में किया जा रहा है। ये आंकड़े वे हैं जिन्हें करीब साल भर बाद सार्वजनिक करना शुरू किया गया है। राज्यों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय अधिकारियों ने भी कहा कि सिर्फ आंकड़ों के आधार पर कोरोना बढ़ने का दावा किया जा रहा है, जबकि अस्पतालों में भर्ती रोगियों की संख्या में कोई उछाल नहीं आया है। ना ही जिलों में कोरोना की जांच का ग्राफ बढ़ा है।

कोरोना महामारी में मरीजों की सही जानकारी उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने कोविड डैशबोर्ड शुरू किया था। 2020 से हर दिन यहां संक्रमित, भर्ती रोगियों के अलावा रिकवर होने वालों के आंकड़े जारी किए गए। यह सिलसिला 9 जून 2024 तक जारी रहा लेकिन इसके बाद यह डैशबोर्ड अपडेट नहीं हुआ। हाल ही में हांगकांग और सिंगापुर से कोरोना संक्रमण में उछाल की खबरें सामने आने लगीं जिसके बाद 19 मई को सरकार ने देश में कोरोना के 257 सक्रिय मामलों की पुष्टि की।

इसके ठीक एक हफ्ते बाद 26 मई को फिर आंकड़े जारी हुए और मरीजों की संख्या 1,009 तक पहुंच गई, 2 जून को यह  3,961 हो गई।  स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, संक्रमण में उछाल की पुष्टि तब हो सकती है जब किसी विशेष क्षेत्र में मरीजों की बड़ी संख्या सामने आए। अभी देश के किसी भी जिले में बीते चार सप्ताह के दौरान ऐसा कोई भी पैटर्न सामने नहीं आया है, जिस आधार पर कोरोना की नई लहर का दावा किया जा सके।

जब लोगों का ध्यान हटा, तब भी 76 हजार संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक संक्रमण हमारे बीच पहले जैसा ही रहा, बस समय के साथ हमारा इससे ध्यान हट गया। अधिकारी ने केंद्र की एक रिपोर्ट साझा की है जिसके मुताबिक जब लोगों ने कोरोना को भूलना शुरू कर दिया, तब भी 76 हजार लोग संक्रमण की चपेट में आए। छह मई 2023 से 31 दिसंबर 2024 के बीच सभी राज्यों में 76096 लोग कोरोना संक्रमित हुए जिनमें 2002 लोगों की कोरोना से मौत भी हुई।

चार की मौत, सभी पहले से थे बीमार  
सोमवार को कोविड डैशबोर्ड पर संक्रमण से चार लोगों की मौत होने की पुष्टि की गई। इस पर अधिकारी ने कहा कि अगर इन चारों मामलों की प्रोफाइल पर गौर करेंगे तो पता चलेगा कि यह सभी पहले से संवेदनशील वर्ग में आते हैं जिन्हें बार बार सावधान रहने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना से बचने के पुराने उपायों पर ही ध्यान दें। यह संक्रमण पहले से काफी हल्का हुआ है और अधिकांश मरीज अपने घरों में ही ठीक हो रहे हैं।

  • एक मौत दिल्ली में 22 वर्षीय महिला की हुई है जो कोरोना की चपेट में आने से पहले टीबी से संक्रमित हुई।
  • इसी तरह तमिलनाडु में एक 25 वर्षीय युवक की कोरोना से मौत हुई है लेकिन संक्रमित होने से पहले यह ब्रोन्कियल अस्थमा और गंभीर तीव्र ट्यूबलर चोट से प्रभावित था।
  • इसके अलावा केरल में एक मौत हुई है जिसकी जानकारी अभी नहीं आई है लेकिन चौथी मौत महाराष्ट्र में 44 वर्षीय पुरुष की हुई है जो कोरोना से पहले महाधमनी के साथ गंभीर एआरडीएस समस्या से जूझ रहा था।