भारत के साथ लड़ाई में क्या चीन देगा पाकिस्तान का साथ? पूर्व आर्मी कमांडर ने जताई आशंका

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। ऐसे में सैन्य संघर्ष छिड़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में ये भी सवाल उठ रहा है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष होता है तो क्या चीन पाकिस्तान का साथ देगा या नहीं? भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राना प्रताप कालिता का मानना है कि चीन के भारत-पाकिस्तान संघर्ष में शामिल होने की आशंका कम ही है। 

चीन के साथ भारत के संबंध हो रहे बेहतर
हालांकि उन्होंने ये स्वीकार किया कि चीन और पाकिस्तान के संबंध बहुत अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि गलवान 2020 की घटना के बाद दोनों देशों के बीच काफी बातचीत हुई है और सैनिकों की पूरी तरह से वापसी हो चुकी है। हालात सामान्य होने की तरफ हैं और इस साल कैलाश मानसरोवर यात्रा भी शुरू हो रही है। कालिता ने कहा कि मौजूदा भू-राजनैतिक हालात को देखते हुए चीन के भारत-चीन विवाद में सीधे तौर पर शामिल होने की आशंका नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों ही देश इन दिनों टैरिफ युद्ध में उलझे हुए हैं और अमेरिका ने दोनों देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया हुआ है, जिसका वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा है। 

बांग्लादेश के हालात पर जताई चिंता
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल राना प्रताप कालिता ने बांग्लादेश के हालात पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि वहां सत्ता परिवर्तन के बाद कट्टरपंथी ताकतों का उभार हुआ है। इससे वहां भारत विरोधी भावना पैदा की जा रही है। आतंकी संगठन अंसारुल बांग्ला आदि के नेताओं को जेलों से रिहा कर दिया गया है। साथ ही बांग्लादेश में पाकिस्तान का दखल भी बढ़ रहा है, जो भारत के लिए चिंता की बात है। कालिता ने उत्तर पूर्वी राज्यों में बांग्लादेश से हो रही घुसपैठ पर चिंता जाहिर की और कहा कि इससे इस्लामिक कट्टरपंथ के बढ़ने का खतरा है। कालिता ने कहा कि सिलिगुड़ी कॉरिडोर भी हमारे लिए चिंता का विषय है। हालांकि उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र इन सभी चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं।