
नई दिल्ली। आने वाले दिनों में देशभर में चलने वाली अधिकांश ट्रेनें तेज रफ्तार से चलती हुई नजर आएगी। इसके लिए रेलवे ने तेजी से काम करना शुरू कर दिया है। मिशन रफ्तार का लक्ष्य हासिल करने के लिए रेलवे ने 2025-26 में अधिकतम रफ्तार की सीमा खत्म करने, ट्रैक के नवीकरण और पटरियों के किनारे चहार दीवारी बनाने की प्लानिंग तैयार की है। सूत्रों का कहना है कि, रेलवे मंत्रालय ने सभी रेलवे जोन से चर्चा कर ट्रैक और ट्रैक से जुड़े कामों को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2026 में 7,900 किलोमीटर ट्रैक का नवीनीकरण करने और उस पर गाड़ियों को पूरी गति के साथ चलाने का लक्ष्य रखा है।
रेलवे का इस समय सबसे ज्यादा फोकस 160 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से चलने में सक्षम वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने का है। लेकिन ये ट्रेनें अपनी फूल स्पीड में नहीं चल पा रही है। ऐसे में रेलवे ने ने करीब 3,700 किलोमीटर नेटवर्क को 130 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार से चलने योग्य बनाने का निर्णय लिया है। रेलवे ने वित्त वर्ष 2025 में 2,040 रूट किमी पर स्पीड 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। जबकि वित्त वर्ष 2024 में यह यह लगभग 2,400 रूट किमी था। वहीं रेलवे ने 2026 ने 7,900 किलोमीटर ट्रैक का नवीकरण करने और उस पर गाड़ियों को पूरी गति के साथ चलाने का लक्ष्य रखा है। इस हिसाब से नया लक्ष्य पिछले लक्ष्यों से करीब दोगुना है।
इस बीच रेलवे ने वंदे भारत ट्रेनों की जानवरों के साथ टकराने की घटना को भी गंभीरता से लिया है। रेलवे ने जानवरों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए पटरियों के किनारे चहारदीवारी बनाने का काम शुरू किया है। इससे ऐसी दुर्घटनाओं में कमी आएगी। जबकि वंदे भारत ट्रेनों पर पत्थर फेंकने जैसी घटनाओं पर भी रोक लग सकेंगी। रेलवे ने चालू वित्त वर्ष में 11,000 किलोमीटर चहारदीवारी बनाने की योजना बनाई है, जो इसके पहले साल के लक्ष्य का करीब दोगुना है।
इसी तरह से मंत्रालय ने 208 स्थायी रफ्तार प्रतिबंधों (पीएसआर) को हटाने और 80 पीएसआर में ढील देने का लक्ष्य रखा है। इसकी वजह से भीड़ बढ़ती और रेल का परिचालन सुस्त होता है। पीएसआर सामान्यतः उन इलाकों में लागू होता है, जहां तेज मोड़ या क्रॉसिंग या भीड़भाड़ वाला इलाका होता है।