कोरबा: एसईसीएल की खदानों में कोयला उत्पादन-परिवहन पूरी तरह ठप; SECL प्रबंधन ने 22 को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

कोरबा । कोरबा में SECL खदान में भू-विस्थापित किसान कल्याण समिति ने हड़ताल किया। प्रदर्शनकारियों ने जमीन अधिग्रहण के लिए उचित मुआवजे, विस्थापितों के पुनर्वास और स्थानीय लोगों को रोजगार देने की मांग की है।

दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की कोयला खदानों में हुए इस आंदोलन से कुसमुंडा, दीपका, गेवरा और कोरबा क्षेत्र की खदानों में कोयला उत्पादन, मिट्टी उत्खनन और परिवहन कार्य पूरी तरह रुक गया।

किसान कल्याण समिति के हड़ताल से SECL खदान में काम ठप रहा। - Dainik Bhaskar

किसान कल्याण समिति के हड़ताल से SECL खदान में काम ठप रहा।

22 अप्रैल को उच्च स्तरीय बैठक

आंदोलन के दौरान SECL महाप्रबंधक का पुतला जलाया और एक विशाल रैली निकाली गई। आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए SECL प्रबंधन ने 22 अप्रैल को उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का आश्वासन दिया है।

इस बैठक में भू-विस्थापितों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रबंधन के इस आश्वासन के बाद हड़ताल को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है।

प्रदर्शनकारियों ने 25 लाख मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग की है। - Dainik Bhaskar

प्रदर्शनकारियों ने 25 लाख मुआवजा, पुनर्वास और रोजगार की मांग की है।

भू-विस्थापितों में प्रभावित महिलाएं भी हड़ताल में शामिल हुई - Dainik Bhaskar

भू-विस्थापितों में प्रभावित महिलाएं भी हड़ताल में शामिल हुई

आपूर्ति और उत्पादन पर पड़ा असर

हड़ताल का प्रभाव SECL की कोयला आपूर्ति और उत्पादन पर स्पष्ट रूप से देखा गया। इससे क्षेत्रीय बिजली संयंत्रों और अन्य उद्योगों के प्रभावित होने की आशंका है।

यह आंदोलन कोयला उद्योग में भू-विस्थापितों की समस्याओं के समाधान की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है। SECL प्रबंधन और भू-विस्थापितों के बीच होने वाली वार्ता से इस समस्या का स्थायी समाधान निकलने की उम्मीद है।