ट्रंप से पंगा लेकर बुरे फंसे जेलेंस्की, छोड़ेगा नहीं अमेरिका! अब देश बचाने के लिए बचे बस 2 ऑप्शन

नईदिल्ली : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की इन दिनों बड़े संकट में घिर गए हैं. हाल ही में उनकी व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात हुई, जो किसी कूटनीतिक बातचीत से ज्यादा एक तकरार बनकर रह गई. अमेरिका से सैन्य और आर्थिक मदद की उम्मीद लेकर पहुंचे जेलेंस्की को न केवल ट्रंप ने झिड़क दिया, बल्कि खुलेआम यह धमकी भी दे दी कि वे यूक्रेन को उसके हाल पर छोड़ सकते हैं. इस घटना ने यूक्रेन के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. अब सवाल यह है कि जेलेंस्की के पास इस संकट से उबरने के लिए कौन-कौन से विकल्प बचे हैं?

ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के दौरान जो हुआ, उसे पूरी दुनिया ने देखा. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बातचीत के दौरान दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई. जेलेंस्की अमेरिका से रूस के खिलाफ और मदद की मांग कर रहे थे, लेकिन ट्रंप इससे नाराज हो गए. स्थिति इतनी बिगड़ गई कि ट्रंप ने जेलेंस्की को स्टूपिड यानी मूर्ख तक कह दिया. यह किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए बेहद अपमानजनक था. इस झगड़े के बाद जेलेंस्की व्हाइट हाउस से बिना खाना खाए ही लौट गए.

ट्रंप ने दिखाया सख्त रुख

ट्रंप के रुख से यह साफ हो गया कि अमेरिका अब यूक्रेन को बिना शर्त मदद देने के मूड में नहीं है. ट्रंप की नीतियों से पहले ही यह संकेत मिल रहा था कि वे रूस के साथ समझौते की दिशा में जाना चाहते हैं, और अब इस बैठक में उनकी नाराजगी ने यूक्रेन की चिंताएं और बढ़ा दी हैं. ट्रंप ने न केवल मदद रोकने की धमकी दी, बल्कि संकेत दिए कि अमेरिका अब यूक्रेन को आत्मनिर्भर बनने की सलाह दे सकता है.

रूस के लिए खुशखबरी?

रूस की ओर से इस विवाद पर प्रतिक्रिया भी आ गई है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि ट्रंप और वेंस ने जेलेंस्की के प्रति संयम बरता. रूस इस घटना से खुश है, क्योंकि अमेरिका और यूक्रेन के बीच बढ़ता तनाव रूस के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. पुतिन लंबे समय से यह दावा करते रहे हैं कि पश्चिमी देश यूक्रेन के प्रति अपना रुख बदल सकते हैं, और अब व्हाइट हाउस की इस घटना ने उनके दावे को और मजबूत कर दिया है.

अब क्या करें जेलेंस्की?

अमेरिकी मीडिया में चर्चा हो रही है कि जेलेंस्की के पास अब सिर्फ दो ही विकल्प बचे हैं. पहला विकल्प यह है कि वे कोई बड़ा चमत्कार करें जिससे अमेरिका फिर से यूक्रेन के समर्थन में आ जाए. यानी वे कूटनीतिक स्तर पर ऐसी चाल चलें कि ट्रंप को भी उनकी बात माननी पड़े. हालांकि यह बहुत कठिन है, क्योंकि ट्रंप अपनी नीतियों में बदलाव के लिए नहीं जाने जाते.

क्या जेलेंस्की को इस्तीफा देना पड़ेगा?

दूसरा विकल्प यह हो सकता है कि जेलेंस्की अपने पद से इस्तीफा दे दें. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वे राष्ट्रपति पद से हट जाते हैं, तो अमेरिका का रुख बदल सकता है. ट्रंप को शायद यूक्रेन की मौजूदा सरकार से समस्या हो, लेकिन नई सरकार के साथ वे बेहतर संबंध बना सकते हैं. हालांकि जेलेंस्की का इस्तीफा यूक्रेन के लिए एक बड़ा झटका होगा और इससे रूस को भी फायदा मिल सकता है.

माफी मांगना भी एक रास्ता?

कुछ विश्लेषकों का मानना है कि जेलेंस्की अगर ट्रंप से सार्वजनिक रूप से माफी मांग लें, तो यह संकट टल सकता है. ट्रंप को खुश करने के लिए वे अपनी सख्त बयानबाजी में बदलाव ला सकते हैं और यह स्वीकार कर सकते हैं कि व्हाइट हाउस में उनका रवैया सही नहीं था. हालांकि यह जेलेंस्की की छवि के लिए बड़ा झटका होगा, लेकिन यूक्रेन को बचाने के लिए शायद यही सबसे आसान रास्ता है.

यूक्रेन के लिए सबसे कठिन दौर

यूक्रेन पहले ही रूस के हमलों से बुरी तरह जूझ रहा है, और अब अमेरिका का समर्थन कम होने से संकट और गहरा सकता है. जेलेंस्की जिस राह पर चल रहे हैं, वह जोखिम भरी है. अगर वे ट्रंप को नाराज करते रहे, तो अमेरिका की मदद पूरी तरह बंद हो सकती है, और अगर वे समझौते की ओर बढ़ते हैं, तो यूक्रेन की जनता को यह फैसला शायद पसंद न आए. कुल मिलाकर, जेलेंस्की के लिए यह समय किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. अब देखना यह होगा कि वे कौन सा विकल्प चुनते हैं.