
नई दिल्ली। मार्च के महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत-त्योहार आने वाले हैं। मार्च महीने में रंग पंचमी, आमलकी एकादशी, शीतला अष्टमी, पापमोचिनी एकादशी, चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा जैसे कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे। इसके अलावा, इस महीने में चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण भी होने वाले हैं। आइए जानते हैं कि मार्च में होली के अलावा और कौन-कौन से प्रमुख व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे और उनकी तिथियां क्या हैं।

मार्च माह के व्रत त्योहार
- 01मार्च: फुलेरा दूज, राम कृष्ण जयंती
- 07मार्च: होलाष्टक आरम्भ, दुर्गा अष्टमी व्रत
- 10 मार्च: आमलकी एकादशी
- 11 मार्च: भौम प्रदोष व्रत
- 13 मार्च: पूर्णिमा, होलिका दहन, होलाष्टक समाप्त
- 14 मार्च: होली, पूर्णिमा मीन संक्रांति
- 17 मार्च: छत्रपति शिवाजी जयंती
- 18 मार्च: संकष्टी चतुर्थी
- 19 मार्च: रंग पंचमी
- 21 मार्च: शीतला सप्तमी
- 22 मार्च: कालाष्टमी
- 25 मार्च: पापमोचनी एकादशी
- 27 मार्च: प्रदोष व्रत
- 29 मार्च: अमावस्या
- 30 मार्च: हिंदू नव वर्ष आरंभ, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत
- 31 मार्च: गणगौर पूजा, ईद-उल-फ़ितर

मार्च माह के ग्रह गोचर
- 02 मार्च 2025 शुक्र मीन राशि में वक्री
- 14 मार्च 2025 सूर्य का मीन राशि में गोचर, चंद्र ग्रहण
- 15 मार्च 2025 बुध मीन राशि में वक्री
- 17 मार्च 2025 बुध मीन राशि में अस्त
- 18 मार्च 2025 शुक्र मीन राशि में अस्त

01 मार्च – फुलेरा दूज, राम कृष्ण जयंती
फुलेरा दूज भगवान कृष्ण और राधा रानी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। यह त्योहार फाल्गुन शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है।
07 मार्च – होलाष्टक की शुरुआत
होलाष्टक होली से आठ दिन पहले शुरू होता है। इस दौरान शुभ कार्यों को करने से मना किया जाता है।
10 मार्च – आमलकी एकादशी
आमलकी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा के साथ-साथ आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
11 मार्च – प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक जीवन में समृद्धि आती है।

13 मार्च – पूर्णिमा, होलिका दहन
पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ माना जाता है। मार्च में इस दिन होलिका दहन भी किया जाएगा।
14 मार्च – होली, पूर्णिमा मीन संक्रांति
पूर्णिमा तिथि 14 मार्च तक रहेगी और इसी दिन होली का पावन त्योहार विश्वभर में मनाया जाएगा। साथ ही, इस दिन मीन संक्रांति भी होगी।
21 मार्च – शीतला सप्तमी
इस दिन देवी माता शीतला की पूजा की जाती है, जो शीतलता की प्रतीक हैं। यदि माता-पिता इस दिन पूजा करते हैं, तो उनके बच्चों को दीर्घायु प्राप्त होती है।
25 मार्च – पापमोचनी एकादशी
इस दिन का नाम ही बताता है कि व्रत रखने से पापों का नाश होता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

29 मार्च – अमावस्या
चैत्र अमावस्या की तिथि पर ध्यान और दान करने से तथा पितरों के लिए तर्पण करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
30 मार्च – हिंदू नव वर्ष की शुरुआत, चैत्र नवरात्रि का आरंभ
इस दिन से हिंदुओं का नया वर्ष प्रारंभ होगा, साथ ही चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व भी शुरू होगा।