
जगदलपुर । मध्य प्रदेश के बालाघाट मुठभेड़ में पुलिस ने जिन 4 महिला नक्सलियों को मार गिराया है वे छ्त्तीसगढ़ के बस्तर की रहने वाली थीं। इनपर CG, MP और महाराष्ट्र पुलिस की तरफ से कुल 62 लाख रुपए का इनाम घोषित था। सभी हार्डकोर नक्सली थीं। AK-47, इंसास, SLR जैसे राइफल चलाती थीं।
MP पुलिस की माने तो छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलियों पर दबाव बढ़ रहा है, इसलिए यहां के नक्सली MP में डेरा जमाने और अपना नया ठिकाना ढूंढने पहुंच रहे हैं। जबकि बस्तर के IG सुंदरराज पी का कहना है कि जो नक्सली मारे गए हैं उन्हें नक्सल संगठन के बड़े कैडर्स कुछ साल पहले लेकर गए थे।
बस्तर के लोगों को गुमराह कर नक्सली इनका मुठभेड़ में ढाल के रूप में प्रयोग करते हैं। खुद बचकर निकल जाते हैं।
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3 राज्यों की सीमा पर हुई मुठभेड़
दरअसल, मध्य प्रदेश के बालाघाट की सीमा महाराष्ट्र के गोंदिया जिले और छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा जिलों से लगती है। पुलिस के अनुसार मारी गईं नक्सली रंजीता, शीला, लक्खे मरावी और आशा 25 से 35 साल की थीं। वे मध्यप्रदेश के मंडला में कान्हा बाघ अभयारण्य और छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के भोरमदेव वन्यजीव अभयारण्य के अलग-अलग एरिया कमेटी में सक्रिय थीं।
केबी डिवीजन नाम से चर्चित इलाका
बालाघाट के IG संजय कुमार के मुताबिक, इस माओवादी इकाई को ‘केबी’ डिवीजन के नाम से भी जाना जाता था। केबी डिवीजन की कमांडर आशा थी जो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी। उसपर कुल 20 लाख रुपए का इनाम था। महाराष्ट्र में 12 लाख रुपए और CG में 5 लाख और मध्यप्रदेश में तीन लाख रुपए का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ में मारी गईं तीन अन्य नक्सलियों पर 14-14 लाख रुपए का इनाम था। तीनों की पहचान रंजीता, शीला और लक्खे मरावी के रूप में की गई है। रंजीता उर्फ रामली आलमी छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले की रहने वाली थी। इसपर महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम था।
सरिता उर्फ शीला उर्फ पदम मूल रूप से छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की रहने वाली थी। महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्यप्रदेश में तीन लाख रुपए का इनाम था। वहीं लक्खे मरावी भी सुकमा की रहने वाली थी। इसपर महाराष्ट्र में 6 लाख रुपए, छत्तीसगढ़ में 5 लाख रुपए और मध्यप्रदेश में 3 लाख रुपए का इनाम था।
बस्तर IG बोले- आधार हो रहा कम
बस्तर के IG सुंदरराज पी. ने कहा कि, बस्तर में नक्सलियों का आधार क्षेत्र खत्म होता जा रहा है। लगातार हो रहे एनकाउंटर में नक्सलियों के बड़े कैडर्स मारे गए हैं। इसके साथ ही कई नक्सल इलाकों को में सुरक्षा बलों के कैंप की स्थापित हो चुके हैं। सैकड़ों माओवादियों ने आत्म समर्पण किया है। वहीं हम नक्सलियों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वे हथियार डाल दें। हिंसा में कुछ नहीं रखा है। मुख्य धारा में लौट आएं।