कोरबा: सभापति की रेस में भाजपा से 6 और नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस से 4 दावेदार मैदान पर

कोरबा । कोरबा नगर निगम में भाजपा ने 67 वार्डों में से 45 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया। महापौर मिलने के बाद अब सभापति और नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए कई दावेदार सामने आए हैं। सभापति पद के लिए भाजपा से 6 प्रमुख दावेदार हैं।

सूत्रों के मुताबिक, पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह के बाद भाजपा सभापति का नाम तय करेगी। इस रेस में मंत्री लखनलाल देवांगन के भाई नरेंद्र देवांगन हैं जो निर्विरोध जीते हैं। हितानंद अग्रवाल पूर्व नेता प्रतिपक्ष रहे हैं। अशोक चावलानी पूर्व सभापति और भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष हैं।

नूतन सिंह ठाकुर - Dainik Bhaskar

नूतन सिंह ठाकुर

भाजपा से 6 दावेदार

चंद्रलोक सिंह पूर्व सांसद बंशीलाल महतो के बेटे विकास महतो के करीबी हैं। उन्होंने लगातार तीसरी बार अपने वार्ड से जीत दर्ज की है। नूतन सिंह ठाकुर पूर्वांचल से जीते हैं और अधिवक्ता संघ में भी पदस्थ हैं। लक्ष्मण श्रीवास भी मंत्री के करीबी माने जाते हैं।

नेता प्रतिपक्ष पद के लिए कांग्रेस से 4 दावेदार

नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस से 4 दावेदार सामने आए हैं। मुकेश राठौर पांचवीं बार पार्षद चुने गए हैं और अच्छी छवि के नेता माने जाते हैं। अन्य दावेदारों में रवि चंदेल, सुभाष राठौड़, कृपाराम साहू और गोपाल कुर्रे शामिल हैं।

हितानंद अग्रवाल - Dainik Bhaskar

हितानंद अग्रवाल

शपथ ग्रहण समारोह के दौरान होगी घोषणा

बता दें कि अजीत जोगी सरकार के समय नूतन सिंह, तत्कालीन केबिनेट मंत्री लखन देवांगन के साथ जेल में रहे। लखन देवांगन ने कई अवसरों पर नूतन सिंह को अपना जेल का साथी बताते हुए उनकी प्रशंसा की है। दोनों पदों के लिए अंतिम नामों की घोषणा शपथ ग्रहण समारोह के दौरान की जाएगी।

मुकेश राठौर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस पार्षद। - Dainik Bhaskar

मुकेश राठौर नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस पार्षद।

सभापति का चयन करना आसान नहीं

कोरबा नगर पालिका चुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज कर भाजपा से संजू देवी महापौर बनी है। सदन में साथ देने के लिए बहुमत से ज्यादा पार्षद चुनाव जीत कर आए हैं। भाजपा के लिए अब सभापति का चयन करना आसान नहीं रह गया है।

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छत्तीसगढ़ी सभापति की चर्चा तेज

आधा दर्जन से ज्यादा दिग्गज चुनाव जीतकर पार्षद बने हैं और ऐसे में किसी एक का चयन करने संगठन उलझ सकता है। इन सबके बीच भाजपा पार्षदों में छत्तीसगढ़ी सभापति की चर्चा तेज होती जा रही है।

दरअसल, इसके पीछे का लॉजिक यह लगाया जा रहा है कि भाजपा की महापौर पूर्वांचल से ताल्लुक रखती हैं। ऐसे में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण सभापति का पद एक योग्य छत्तीसगढ़िया को सौंपकर सामंजस्य बिठाया जा सकता है।

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फिर सबको चौंका सकती है भाजपा

उम्मीद की जा रही है कि जिस तरह महापौर प्रत्याशी के चयन में भाजपा ने सबको चौंकाया है, उसी तरह अपनों की संतुष्टि और सहमति का ख्याल रखते हुए सभापति के महत्वपूर्ण पद के लिए भी नए नाम सामने लाकर भाजपा एक बार फिर सबको चौंका सकती है।

लक्ष्मण श्रीवास। - Dainik Bhaskar

लक्ष्मण श्रीवास।