![New Income Tax Bill: नया आयकर बिल संसद में आज होगा पेश, कर स्लैब या रिटर्न भरने की समय सीमा में बदलाव नहीं new Income Tax Bill Likely to presented in Lok Sabha today, know ALL Updates](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/12/03/lok-sabha-passes-the-banking-laws-amendment-bill-2024_fe26855186a2e805f7ca7ce95b90c7de.jpeg?w=414&dpr=1.0&q=65)
नई दिल्ली । लोकसभा में 13 फरवरी को पेश हो रहे नए आयकर विधेयक, 2025 को 1961 के पुराने कानून की जगह लेने के लिए तैयार किया गया है। नए कानून का लक्ष्य पुराने कानून की जटिलताओं को समाप्त कर इसे आम करदाताओं की समझ में आने लायक बनाना और मुकदमेबाजी के बोझ को कम करना है।
1961 के आयकर कानून में 66 बजटों के दौरान कई चीजें जोड़ी गईं जिससे यह लगातार जटिल होता चला गया। एक ओर जहां सरकार का दावा है कि नया कानून करों को लेकर ज्यादा स्पष्टता लाएगा वहीं आम लोगों में अब भी इसके वास्तविक असर को लेकर संदेह है। खास बात यह है कि नया विधेयक कर के स्लैब, आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा या पूंजीगत लाभ कराधान में बदलाव नहीं करता। यह कर नियोजन में स्थिरता और पूर्वानुमान सुनिश्चित करता है। वहीं देर से कर भरने और नियमों का अनुपालन न करने पर अधिक जुर्माना लगाने की व्यवस्था की गई है। कर चोरी का पता लगाने के लिए बेहतर एआई-आधारित जांच की जाएगी। नए कानून में भी वित्तीय वर्ष की गणना पूर्व की भांति पहली अप्रैल से 31 मार्च के बीच ही की जाएगी। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
महत्वपूर्ण तथ्य
- आयकर कानून-1961 की धाराओं के नंबर अब बदल जाएंगे। उदाहरण के लिए आईटीआर भरने की धारा वर्तमान कानून के तहत 139 है, मगर नए कानून में यह बदल जाएगी।
- निवास से संबंधित कानून, जो यह निर्धारित करते हैं कि कोई व्यक्ति सामान्य निवासी, गैर-सामान्य निवासी या अनिवासी है या नहीं, अपरिवर्तित रहेंगे।
- नया आयकर विधेयक, 1961 के कानून की तुलना में काफी विस्तृत है। वर्तमान कानून में 298 धाराएं, 14 अनुसूचियां हैं जबकि नए विधेयक में 536 अनुभाग, 16 अनुसूचियां हैं।
- नए विधेयक में करदाताओं के लिए सरलीकृत व्याख्या की गई है। जटिल कानूनी शब्दजाल को हटाया गया है। सभी वेतन कटौतियों (जैसे, मानक कटौती, ग्रेच्युटी, अवकाश नकदीकरण) के लिए एक ही अनुभाग का परिचय। व्यवसायों के लिए सरल मूल्यह्रास का फॉर्मूला तय किया गया है।
- टीडीएस से संबंधित सभी प्रावधानों को एक खंड के तहत समेकित किया गया है। यूं तो यह अनुपालन को सरल बनाता है मगर व्यवसायों को नई संरचना के साथ संरेखित करने के लिए अपने कर रिपोर्टिंग सिस्टम को अपडेट करने की आवश्यकता हो सकती है।
- नए आयकर बिल के वित्त वर्ष 2026 -27 से लागू होने की उम्मीद है।