रायपुर । कांग्रेस ने भाजपा की साय सरकार पर भ्रष्टाचार, कुशासन और वादा खिलाफी को लेकर रविवार को आरोप पत्र जारी किया। कांग्रेस का कहना है कि, पिछले 1 साल में राज्य की जनता बदहाल हो गई है, जबकि भाजपा के सत्ताधीश मालामाल हो गए हैं।
रायपुर के राजीव भवन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, साय सरकार दिशाहीन और निर्णयहीन होकर काम कर रही है। सरकार की नीतियों ने हर वर्ग को परेशान किया है। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता सत्यनारायण शर्मा और धनेन्द्र साहू भी मौजूद रहे।
कांग्रेस बोली- चुनाव में जनता के बीच लेकर जाएंगे यही मुद्दे
कांग्रेस ने कहा कि, वह सरकार की नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करेगी और जनता के हक की लड़ाई लड़ेगी। पार्टी छोटे प्लॉटों की रजिस्ट्री बंद करने के मुद्दे को नगरीय निकाय और पंचायतों में उठाएगी।
कांग्रेस ने भाजपा की साय सरकार पर भ्रष्टाचार, कुशासन और वादा खिलाफी को लेकर रविवार को आरोप पत्र जारी किया।
1 साल में सरकार की विफलताएं, 25 बड़े आरोप
- जनता को ठगा गया: भाजपा सरकार जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह विफल रही, हर वर्ग में निराशा है।
- भ्रष्टाचार और कुशासन: राज्य में भ्रष्टाचार बढ़ा, शासन पूरी तरह दिशाहीन हो गया।
- ओबीसी आरक्षण विवाद: स्थानीय निकायों में दोषपूर्ण आरक्षण नीति से ओबीसी वर्ग नाराज।
- किसानों से धोखा: धान पर 3217 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य देने का वादा पूरा नहीं किया गया।
- बढ़ता अपराध: गृह मंत्री के जिले में हत्या, आगजनी और निर्दोषों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए।
- बलौदाबाजार हिंसा: सतनामी समाज के युवाओं और विपक्षी नेताओं को षड्यंत्रपूर्वक जेल में डाला गया।
- अंखफोड़वा कांड: लापरवाहीपूर्वक मोतियाबिंद ऑपरेशन में बुजुर्गों की आंखों की रोशनी चली गई।
- धर्मांतरण का विवाद: दबावपूर्वक धर्मांतरण बढ़ा, जिससे तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली।
- नौकरी में भ्रष्टाचार: पुलिस, वनरक्षक और सरकारी नौकरियों की भर्तियों में भ्रष्टाचार हुआ।
- रोजगार के झूठे वादे: 1 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन 1 साल में कोई भर्ती नहीं हुई।
- आवास योजना विफल: 18.5 लाख आवास देने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने कोई योजना नहीं बनाई।
- महिलाओं को ठगा गया: 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा पूरा नहीं हुआ।
- गरीबों पर अत्याचार: मकान और दुकानों को बुलडोजर से तोड़ा गया, भाजपा के लोगों ने सरकारी जमीनों पर कब्जा किया।
- डीजल छूट में भेदभाव: उद्योगपतियों को 6.50 रुपए प्रति लीटर छूट दी गई, लेकिन किसानों और ट्रांसपोर्टर्स को नहीं।
- नशे का कारोबार बढ़ा: सत्ता के संरक्षण में अवैध शराब, गांजा, ड्रग्स और नशीली दवाइयां बिक रही हैं।
- अस्पतालों में लापरवाही: सरकारी अस्पतालों में इलाज और दवाइयों की सुविधा नहीं मिल रही।
- शिक्षा पर असर: स्कूलों में चॉक और डस्टर खरीदने तक के पैसे नहीं हैं।
- रजिस्ट्री में गड़बड़ी: कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई 30% छूट खत्म कर दी गई, जिससे गरीबों के घर खरीदने का सपना टूटा।
- छोटे प्लॉटों की रजिस्ट्री बंद: सरकार 5 डिसमिल से छोटे प्लॉटों की रजिस्ट्री बंद करने जा रही है।
- बिजली की मार: 1 साल में 4 बार बिजली के दाम बढ़े, 400 यूनिट की छूट खत्म कर दी गई।
- महंगाई चरम पर: रेत के दाम 6 गुना और सीमेंट के दाम 5 बार बढ़ाए गए, जिससे निर्माण कार्य ठप हो रहे हैं।
- संविदा कर्मचारियों से धोखा: 100 दिन में नियमित करने का वादा किया था, लेकिन उल्टे कई कर्मचारियों को निकाल दिया गया।
- कल्याणकारी योजनाएं बंद: बेरोजगारी भत्ता, तेंदूपत्ता बीमा योजना और कोदो-कुटकी खरीदी बंद कर दी गई।
- सामाजिक सुरक्षा खत्म: वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन जैसी योजनाएं बंद होने से गरीब परेशान हैं।
- नक्सल नीति पर असफलता: 1 साल में कोई स्पष्ट नक्सल नीति नहीं बनी, रोज नक्सली घटनाएं हो रही हैं।